नई दिल्ली, महाराष्ट्र की सियासत के बीच अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान सामने आया है जहां उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि उद्धव ठाकरे पहले ही बागी नेता एकनाथ शिंदे को विधायक से सीएम बनने का प्रस्ताव दे चुके थे लेकिन उस समय उन्होंने इसे […]
नई दिल्ली, महाराष्ट्र की सियासत के बीच अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान सामने आया है जहां उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि उद्धव ठाकरे पहले ही बागी नेता एकनाथ शिंदे को विधायक से सीएम बनने का प्रस्ताव दे चुके थे लेकिन उस समय उन्होंने इसे ठुकरा दिया. आदित्य ठाकरे के इस बयान के मुताबिक करीब एक महीने पहले ही शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ को यह ऑफर दिया था लेकिन उस समय वह भावुक हो गए और करीब एक महीने बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ बगावत छेड़ दी.
मीडिया से बात करते हुए शिवसेना नेता और महारष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने खुलासा करते हुए कहा, ’20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को फोन किया और उनसे कहा कि अगर आप CM बनना चाहते हो तो CM बन जाइए. वे CM बनना चाहते हैं, लेकिन उस समय उन्होंने ड्रामा किया और रोने लगे.
लेकिन वे(शिंदे गुट) ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, यह बगावत नहीं है, यह अलगाववाद है। उन्होंने यह सब करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तबीयत का अनुचित फायदा उठाया: महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022
ठीक एक महीने बाद, उन्होंने बगावत कर दी.’ इतना ही नहीं आदित्य ठाकरे ने आगे शिंदे की बगावत को अलगाववाद का नाम देते हुए कहा, ‘वे(शिंदे गुट) ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, यह बगावत नहीं है, यह अलगाववाद है. उन्होंने यह सब करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तबीयत का अनुचित फायदा उठाया।’ बता दें, बीते दिनों जब ये सब हुआ तब सीएम उद्धव ठाकरे का स्वास्थ्य ठीक नहीं बताया जा रहा था. बीते दिनों ये खबरें भी थी कि उन्हें कोरोना हो गया है. हालांकि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.
एक बार फिर शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपने सभी कारकर्ताओं और विधायकों को चेताया है और बागी नेताओं को भी संदेश दिया है. आदित्य ठाकरे ने कहा, जो लोग(विधायक) छोड़ना चाहते हैं और जो पार्टी में लौटना चाहते हैं, उनके लिए शिवसेना के दरवाजे खुले हैं. हालांकि उन्होंने आगे कहा कि जिन विधायकों ने पार्टी छोड़ी है उन्हें वापस शिंदे ग्रुप से शिवसेना में एंट्री नहीं दी जाएगी. उनके शब्दों में, ‘जो बागी विधायक देशद्रोही हैं, उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा.’
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