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Adani-Hindenburg Saga: आरबीआई ने बैंकों से मांगी अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। इसकी वजह से सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद जहां अडानी ग्रुप के शेयर करीब 50 फीसदी तक टूट गए हैं, वहीं एसबीआई, बैंक […]

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Adani-Hindenburg Saga: आरबीआई ने बैंकों से मांगी अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी
  • February 2, 2023 12:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। इसकी वजह से सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद जहां अडानी ग्रुप के शेयर करीब 50 फीसदी तक टूट गए हैं, वहीं एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी जैसे सरकारी बैंकों के शेयरों में भी काफी गिरावट दर्ज की जा रही है।

इस बीच आरबीआई ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी है। बैंक रेगुलेटर आरबीआई ने सभी बैंकों से इस मामले में जवाब मांगा है। आरबीआई ने बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्जों के बारे में जानकारी मांगी है।

अडानी ने वापस लिया एफपीओ

बता दें कि अडानी ग्रुप ने अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को कैंसल कर दिया है। अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने खुद सामने आकर अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को वापस लेने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने गहनता से महसूस किया है कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना ग्रुप के लिए नैतिक रूप से सही नहीं होगा।

गौतम अडानी ने कहा कि शेयर बाजार में हलचल और मार्केट में उठापटक को देखते हुए कंपनी का मुख्य उद्देश्य अपने निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। इसी वजह से हम एफपीओ से प्राप्त हुई रकम को वापस करने जा रहे हैं और इससे जुड़े लेन-देन को खत्म कर रहे हैं।

क्या होता है एफपीओ?

एफपीओ का फुल फॉर्म फॉलो ऑन पब्लिक ऑफ है। इसके जरिए पहले से शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती है। इस दौरान कंपनियां खुद अपना प्राइस बैंड तय करती है और एफपीओ का प्रचार किया जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध मौजूदा कंपनी अपनी मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती हैं। बता दें, किसी भी कंपनी का पहला ऑफर आईपीओ कहलाता है। इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है। लिस्टेड होने के बाद शेयर बेचने का पब्लिक ऑफर एफपीओ कहलाता है। एफपीओ का मुख्य मकसद अतिरिक्त राशि जुटाना है।

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