top news

नई लोकसभा में 888 कुर्सियां, परिसीमन होने पर BJP को मिलेगा फायदा?

नई दिल्ली: 28 मई को देश को उसकी नई संसद मिल गई है. इस संसद की लोकसभा में कुल 888 सांसद एक साथ बैठ सकेंगे. इस बात ने दक्षिणी राज्यों को चिंता में डाल दिया है जिन्हें डर है कि 46 साल से रुका हुआ परिसीमन अगर जनसंख्या के आधार पर हुआ तो लोकसभा में हिंदी भाषी राज्यों के मुकाबले उनकी सीटें कम हो जाएंगी.

कैसे होगा भाजपा को फायदा?

दरअसल परिसीमन होने के बाद दक्षिण भारत के पांच राज्यों में कुल 42 फीसद सीटें बढ़ेंगी. जबकि हिंदी भाषी आठ राज्यों में करीब 84 फीसद सीटों का आंकड़ा बढ़ जाएगा जो दक्षिणी राज्यों की तुलना में करीब दोगुना है. ऐसे में चुनाव के समय इन आठ राज्यों का सीधा-सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा. आइए करते हैं पूरी कैलकुलेशन.

हमने यह कैलकुलेशन कैसे किया, उसे 3 पॉइंट्स से समझिए

देश में आखिरी बार साल 1976 और 1971 में जनसंख्या को आधार मानकर परिसीमन किया गया था. उस समय देश की आबादी 54 करोड़ ही थी. जिसमें हर 10 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट दी गई थी. इसके बाद लोकसभा की कुल 543 सीटें तय की गईं.

इस राज्य में इतनी बढ़ेगी सीटें

साल 2011 की बात करें तो देश की आबादी अब 121 करोड़ हो गई थी. लेकिन आबादी बढ़ने के बाद अब तक जनगणना नहीं हुई है. माना जा रहा है कि 2026 में परिसीमन किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो 10 लाख आबादी के फॉर्मूले से देशभर में कुल 1210 लोकसभा सीटें हो जाएंगी. क्योंकि नई संसद में केवल 888 सदस्यों के ही बैठने की जगह बनाई गई है इसलिए इन आंकड़ों को एडजस्ट करना पड़ेगा. यदि ऐसा होता है उत्तर प्रदेश को 147 और कर्नाटक को महज 45 सीटें मिलेंगी. आइए जानते हैं परिसीमन के पहले और बाद में किस राज्य में कितनी सीटें रहेंगी.

 

उत्तर प्रदेश 80 से 147
महाराष्ट्र 48 से 82
बिहार 40 से 76
पश्चिम बंगाल 42 से 67
आंध्र प्रदेश 25 से 37
तेलंगाना 17 से 25
मध्य प्रदेश 29 से 53
तमिलन 39 से 53
राजस्थान 25 से 50
कर्नाटक 28 से 45
गुजरात 26 से 44
ओडिशा 21 से 31
केरल 20 24
झारखंड 14 से 24
असम 14 से 23
पंजाब 13 से 20
छत्तीसगढ़ 11 से 18
हरियाणा 10 से 18
दिल्ली 7 से 12
जम्मू कश्मीर 5 से 9

नोट: नई लोकसभा में सीटिंग कैपेसिटी 888 है।

 

इसलिए शुरू हुई सुगबुगाहट

दरअसल 1971 के बाद से देश में केवल 5 बार जनगणना हुई है. 2021 वाली जनगणना भी अभी होनी बाकी है. देश में आखिरी बार 2011 में जनगणना की गई थी जिसके बाद आबादी करीब 121 करोड़ आंकी गई थी. ये 1971 के मुकाबले 2.25 गुना ज्यादा थी लेकिन लोकसभा की सीटें नहीं बढ़ाई गईं. इस तरह सवाल ये भी है कि आखिर 46 साल बाद भी एक ही फॉर्मूले का पालन क्यों किया जा रहा है? पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 2019 में लोकसभा में 1000 सीटें करने की मांग कर चुके हैं. ये देश की जरूरत है जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह और BJP राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी हाल ही में परिसीमन का ज़िक्र किया था. बीते रविवार नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने भी कहा था कि आने वाले समय में देश की लोकसभा सीटें बढ़ेंगी. इन सभी संकेतों को देखते हुए कहा जा रहा है कि 2026 में परिसीमन किया जा सकता है।

10 दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे राहुल गांधी, सैन फ्रांसिस्को में प्रवासी भारतीयों से की बातचीत

Riya Kumari

Recent Posts

मदरसों पर सरकार क्यों लुटा रही है अरबो रुपये, जानिए आखिर क्या है सच्चाई, दंग रह जाएंगे आप!

मदरसों पर कितना खर्च किया जा रहा है और कितने मदरसे हैं। एक रिपोर्ट के…

15 minutes ago

ये क्या! इस RJD नेता ने शाह के खिलाफ दिया ऐसा आपत्तिजनक बयान, गुस्से में लाल हुई बीजेपी

बिहार के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि गृह मंत्री शाह के बाबा साहेब…

18 minutes ago

गेटवे ऑफ इंडिया के पास यात्रियों से भरी नाव पलटी, एक की मौत, 80 लोग बचाए गए

मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जाते समय नाव पलटने से बड़ा हादसा…

25 minutes ago

यूपी का हवसी दरोगा! पहले महिला कांस्टेबल की नाइट ड्यूटी लगाता और फिर अंधेरे में…

महिला कांस्टेबल ने पूर्व थानेदार विजय दर्शन पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।…

44 minutes ago

पचासों हिंदुओं को मारने वाले आतंकी के जनाजे में नेता-अभिनेता सब पहुंचे, लोग बोले- देख लो हिंदुओं!

कई लोगों ने सवाल उठाया है कि तमिलनाडु में कई बार आतंकी हमलों को अंजाम…

1 hour ago

फडणवीस से मिले उद्धव ठाकरे तो भभक उठे एकनाथ शिंदे, कहा- अब हम इनके साथ…

फडणवीस-उद्धव की मुलाकात पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया आ गई है। शिंदे ने…

1 hour ago