नई दिल्ली : आपातकाल के 48 सालों बाद भले ही भारत मीलो आगे बढ़ गए है लेकिन उस काले दिन को भारतीय इतिहास भुला नहीं सकता है. आज इमरजेंसी के 48 साल पूरे होने पर हम आपको उस दौर से जुड़ी बड़ी बातें बताने जा रहे हैं. आलोचना जैसी चीजों पर नकेल 25 जून, […]
नई दिल्ली : आपातकाल के 48 सालों बाद भले ही भारत मीलो आगे बढ़ गए है लेकिन उस काले दिन को भारतीय इतिहास भुला नहीं सकता है. आज इमरजेंसी के 48 साल पूरे होने पर हम आपको उस दौर से जुड़ी बड़ी बातें बताने जा रहे हैं.
25 जून, 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद इंदिरा सरकार में कई फैसलों पर साइन किए गए जिसने सार्वजनिक रूप से सरकार की आलोचना करने वालों खासकर पत्रकारों पर नकेल कस दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का ज़िक्र है कि इंदिरा गांधी ने एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने आपातकाल के दौरान एक कुत्ता नहीं भौंकने दिया था. वहीं विपक्षी राजनेताओं समेत एक लाख से अधिक लोगों को जेलों में डाल दिया गया था.
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) जैसे 24 से अधिक संगठनों को देशविरोधी करार देते हुए उनपर प्रतिबंध लगा दिया गया था. 18 महीने और 28 दिनों तक यानी 23 जनवरी 1977 आपातकाल का प्रभाव रहा.
देश में इमरजेंसी लगने के 40 साल बाद भी ये मुद्दा क्यों प्रासंगिक है? इसका जवाब है बेलगाम करप्शन है. दरअसल, इंदिरा गांधी के दौर में जय प्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, जिस पर अपेक्षित कार्रवाई तो नहीं हुई लेकिन इसके बाद जनता और सरकार का टकराव शुरू हो गया.
आपातकाल से करीब तीन साल पहले यानी 1972 में उड़ीसा में हुए उपचुनाव में नंदिनी निर्वाचित हुई थीं. उस दौरान लाखों रुपए खर्च किए गए जिसपर गांधीवादी जेपी ने इंदिरा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया.
हालांकि इंदिरा ने जेपी को टालमटोल करते हुए जवाब दिया कि इतने पैसे भी नहीं खर्च किए गए कि पार्टी का दफ्तर ठीक से नहीं चल पाए. इसके बाद जयप्रकाश नारायण ने जवाब देते हुए कहा कि जनता जवाबदेही चाहती है.
25 जून, 1983 को आपातकाल का ऐलान हुआ जिसपर कुलदीप नैय्यर बताते हैं कि मीडिया सेंशरशिप के लिए जारी दिशानिर्देश में स्पष्ट था कि सरकार के खिलाफ कोई भी कंटेंट प्रकाशित ना करने की बता कही गई. यहां तक विरोध कर रहे नेताओं को भी हिरासत में लिया गया साथ ही गिरफ्तारी के बारे में भी सख्ती से काम लिया गया.