3 Years Of NEP: पीएम मोदी बोले- देश के सभी CBSE स्कूलों में होगा एक पाठ्यक्रम

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के सभी सीबीएसई स्कूलों में आने वाले वक्त में एक पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. इसके लिए 22 […]

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3 Years Of NEP: पीएम मोदी बोले- देश के सभी CBSE स्कूलों में होगा एक पाठ्यक्रम

Vaibhav Mishra

  • July 29, 2023 4:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के सभी सीबीएसई स्कूलों में आने वाले वक्त में एक पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. इसके लिए 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वजह से अब बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा हासिल कर रहे हैं, इससे ना सिर्फ उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है बल्कि भाषा की राजनीति करने वाले लोगों की दुकान भी बंद हो रही है.

5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लाई जाएगी

पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा में देश के भाग्य को बदलने की ताकत है. जिस लक्ष्य के साथ हमारा देश आगे बढ़ रहा है, उसमें शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली के साथ भविष्य की तकनीक को बेहद ही संतुलित तरीके से महत्व प्रदान किया गया है. सभी विद्यार्थी नई शिक्षा व्यवस्था से अच्छे से परिचित हैं. उन्हें पता है कि 10+2 शिक्षा प्रणाली की जगह 5+3+3+4 एजुकेशन सिस्टम लाया जा रहा है. अब बच्चों की पढ़ाई 3 साल से शुरू होगी. इससे देश की शिक्षा व्यवस्था में एकरुपता आएगी.

भाषा के आधार पर जज करना अन्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि युवाओं के साथ ये सबसे बड़ा अन्याय है कि उन्हें प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाता है. लेकिन अब भारत के युवा टैलेंट अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर रहे हैं. ये सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. अब देश में असली न्याय की शुरुआत हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि सभी विकसित देशों ने अपनी मातृभाषा के बलबूते ही तरक्की की है. लेकिन हमने अपनी भाषाओं को हमेशा पिछड़ेपन के तौर पर ही पेश किया है. इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है? अंग्रेजी न बोलने पर लोगों की प्रतिभा को स्वीकार नहीं किया जाता, फिर चाहे वो कितना भी इनोवेटिव माइंड क्यों न हो.

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