Antiquities Repatriated To India: नई दिल्ली, भारत सरकार पिछले कई सालों से लगातार चोरी की गई दुर्लभ चीजों को वापस ला रही है. इन सारी मूर्तियों के स्वदेश वापसी के मिशन में प्रधानमंत्री मोदी नजर बनाए हुए है. इसी बीच सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से भारत वापस लाई गई (Antiquities Repatriated To […]
नई दिल्ली, भारत सरकार पिछले कई सालों से लगातार चोरी की गई दुर्लभ चीजों को वापस ला रही है. इन सारी मूर्तियों के स्वदेश वापसी के मिशन में प्रधानमंत्री मोदी नजर बनाए हुए है. इसी बीच सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से भारत वापस लाई गई (Antiquities Repatriated To India) 29 दुर्लभ मूर्तियों का निरीक्षण किया. इनमें भगवान विष्णु, भगवान शिव, शक्ति की पूजा और जैन परंपरा से जुड़ी मूर्तियां शामिल है. ये सभी पुरावशेष अलग-अलग काल खंड के है. जानकारी के मुताबिक ये प्राचीन मूर्तिया 9-10 शताब्दी ईस्वी पूर्व की है.
प्रधानंमत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भारत वापस लाई गई सारी मूर्तियां देश के अलग-अलग राज्यों से संबंध रखती है. ये पुरावशेष गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से संबंध रखने वाले है. ये विभिन्न प्रकार की सामग्री से बनी है, जिनमें संगमरमर, कांस्य, पीतल, बलुआ पत्थर, कागज में निष्पादित मूर्तियां और पेंटिग शामिल है.
बता दे कि केंद्र की सत्ता में भाजपा की सरकार के बाद अब तक 200 से ज्यादा दुर्लभ प्राचीन प्रतिमाएं भारत वापस लाई जा चुकी है. 27 फरवरी को अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत माता के प्रति हमारा ये दायित्व है कि हम इन मूर्तियों को वापस लाए. प्रधानमंत्री ने बताया था कि साल 2013 तक सिर्फ 13 प्रतिमाएं ही भारत वापस लाई जा सकी थी. उन्होंने कहा था ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, हॉलैंड, सिंगापुर, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों से भारत अपनी पुरानी मूर्तियों को वापस ला रहा है.
गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले बनारस से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को भारत वापस लाया गया था. राजस्थान से साल 1998 में चोरी हुई 10वीं शताब्दी की दुर्लभ नटराज प्रतिमा को भी वापस लाया गया था, जिसके बाद उसे अब बाड़ौली के उसी प्राचीन घाटेश्वर मंदिर में स्थापित किया जा रहा है।