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22 जनवरी 2024 सिर्फ तारीख नहीं… एक नए समय चक्र की उत्पत्ति है- पीएम मोदी

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया. पीएम मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा पूजा की. इसके बाद रामलला को दंडवत प्रणाम किया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में रामभक्तों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी का सूर्योदय एक […]

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(रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान पीएम मोदी का संबोधन)
  • January 22, 2024 4:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया. पीएम मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा पूजा की. इसके बाद रामलला को दंडवत प्रणाम किया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में रामभक्तों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी का सूर्योदय एक अद्भुत चमक को लेकर आया है. 22 जनवरी 2024, सिर्फ कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं है, बल्कि यह एक नए समय चक्र की उत्पत्ति है.

यह क्षण सबसे पवित्र है

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे दृढ़ विश्वास और अपार विश्वास है कि प्रभु राम के भक्त आज इस ऐतिहासिक क्षण में पूरी तरह से डूबे हुए हैं. देश और दुनिया के कोने-कोने में प्रभु राम के भक्त बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं. मैं यह महसूस कर रहा हूं. यह क्षण दिव्य है, यह क्षण सबसे पवित्र है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वनवास के कालखंड के दौरान अयोध्यावासियों का प्रभु राम से अलगाव में केवल 14 वर्ष का था. लेकिन इस दौर में अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों को अलगाव सहा है. हमारी कई पीढ़ियों ने इस अलगाव को झेला है.

प्रभु राम से मांगी माफी

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ये सामान्य समय नहीं है. यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं. उन्होंने कहा कि साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य ही विराजमान होते हैं. पीएम ने कहा कि मैं रामभक्त हनुमान को प्रणाम करता हूं. मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को प्रणाम करता हूं. पीएम ने कहा कि मैं सबको प्रणाम करता हूं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूं. वे दिव्य आत्माएं, वे दैवीय विभूतियां भी हमारे आसपास ही उपस्थित हैं. उन्होंने कहा कि मैं इन सबको नमन करता हूं. मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये काम नहीं कर पाए.

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