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20 Years of 9/11 : 3000 मौत की वो दर्दनाक दास्तां जिसने आतंकवाद पर बदली दुनिया की सोच

20 Years of 9/11 विश्व की सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका में हुए भीषण आतंकी हमले को अब 20 ( 20 Years of 9/11 ) साल पूरे हो गए. आज के दिन ही 11 सितंबर 2001 क्रूर आतंकी हमले के चलते अमेरिका दहल उठा था और यह दिन अमेरिकी इतिहास के काले दिन के रूप […]

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20 years of 9/11
  • September 11, 2021 11:39 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

20 Years of 9/11

विश्व की सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका में हुए भीषण आतंकी हमले को अब 20 ( 20 Years of 9/11 ) साल पूरे हो गए. आज के दिन ही 11 सितंबर 2001 क्रूर आतंकी हमले के चलते अमेरिका दहल उठा था और यह दिन अमेरिकी इतिहास के काले दिन के रूप दर्ज़ हो गया था.

11 सितंबर 2001 हुआ था सबसे बड़ा आतंकी हमला

11 सितंबर 2001 दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसने 2996 लोगों की जान ले ली थी. इसपर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था. आज इस घटना को 20 साल हो गए हैं लेकिन कोई इस दिन को आज तक भुला नहीं पाया है. वह दिन जब रोज़ाना की तरह की तरह दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर (WTC) में भी करीब 18 हजार कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे, लेकिन सुबह 8:46 मिनट पर कुछ ऐसा हुआ कि अब तक सामान्य सी मालुम पड़ रही यह सुबह बेहद ख़ौफ़नाक खौफनाक हो उठी थी.

घटना से दहल उठी थी दुनिया

दरअसल, घटना को अंजाम देने के लिए 11 सितंबर 2001 की सुबह 19 अल कायदा आतंकियों ने 4 पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाईजैक किए थे और आत्मघाती हमले के रूप में जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC), न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा बिल्डिंग के अंदर काम करने वाले हजारों लोग इस आतंकी हमले की भेंट चढ़ गए. बता दें कि हमले को अंजाम जिन दो विमानों से दिया गया था उन दोनों विमानों की रफ़्तार 987.6 किमी/घंटा से ज्यादा थी. हमला इतना भयंकर था कि इमारतें दो घंटे के अंदर ढह गई, पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य भारी नुकसान हुआ.

इस तरह अमेरिका ने लिया अपने नागरिकों के खून का बदला

9/11 खौफनाक आतंकी हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था. इसपर अमेरिका ने बदले की कार्रवाई करते हुए, अमेरिका ने 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को मारकर अपने नागरिकों के खून का बदला ओसामा के खून से ही लिया. बता दें कि इस अमेरिकी कार्रवाई में पूरे 10 साल लग गए थे. इसके अलावा 13 सालों के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) की नई इमारत काम करने के लिए खोल दी गई. हालाँकि अब इसे फ्रीडम टॉवर कहा जाता है.

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