देश में बढ़ती असहनशीलता पर बहस तब शुरू हुई, जब नामी-गिरामी साहित्यकारों ने राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान लौटाना शुरू किया. फिर विदेशों में भी भारत के अंदरूनी हालात पर बहस चालू हो गई और लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तीखे सवालों का सामना करना पड़ा.
नई दिल्ली. देश में बढ़ती असहनशीलता पर बहस तब शुरू हुई, जब नामी-गिरामी साहित्यकारों ने राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान लौटाना शुरू किया. फिर विदेशों में भी भारत के अंदरूनी हालात पर बहस चालू हो गई और लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तीखे सवालों का सामना करना पड़ा.
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ-साफ कहा कि भारत में विचारों की आजादी है और रहेगी, सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री के बयान के बाद माहौल बदलेगा, लेकिन विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने असहनशीलता पर बहस को नए विवाद में बदल दिया है.
वीके सिंह आरोप है कि बिहार चुनाव के मद्देनजर असहनशीलता पर बहस को तूल दिया गया और इसके लिए पैसे दिए गए.
अब ये बड़ी बहस का मुद्दा है कि क्या असहनशीलता पर बहस के लिए पैसे दिए गए ? क्या वीके सिंह के आरोपों की जांच कराएगी सरकार, आज इन्हीं सवालों पर होगी बड़ी बहस.
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