नई दिल्ली. 26/11हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब के बाद एक और जिंदा पाकिस्तानी आतंकवादी हाथ लगा है. 5 अगस्त को ऊधमपुर में पकड़े गए आतंकी नावेद को हम पाकिस्तानी इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ना सिर्फ उसने खुद ये बात कबूली है, बल्कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में उसका शहर, उसका मोहल्ला, उसके पिता […]
नई दिल्ली. 26/11हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब के बाद एक और जिंदा पाकिस्तानी आतंकवादी हाथ लगा है. 5 अगस्त को ऊधमपुर में पकड़े गए आतंकी नावेद को हम पाकिस्तानी इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ना सिर्फ उसने खुद ये बात कबूली है, बल्कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में उसका शहर, उसका मोहल्ला, उसके पिता का नाम, भाई-बहनों की जानकारी सबकुछ मिल चुकी है.
भारत के एक अंग्रेजी अखबार से फोन पर बातचीत में उसके पिता ने भी कबूल लिया है कि वह ही आतंकी नावेद का अभागा बाप है..द कीजिए आज से करीब सात साल पहले अजमल आमिर कसाब के मामले में भी यही हुआ था. खुद पाकिस्तानी मीडिया और उस वक्त के विपक्षी नेता नवाज शरीफ ने कसाब के पाकिस्तानी होने की तस्दीक की थी.लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत और फौज आज तक ये बात मानने को तैयार नहीं है.
ऐसे में कई सवाल उठते हैं.पहला तो ये कि क्या पाकिस्तान भारत में आतंक एक्सपोर्ट करने की अपनी नापाक आदत से कभी बाज आएगा ? दूसरा ये कि जिंदा सबूतों से आंखे फेरने वाला पाकिस्तान कभी किसी सबूत को सबूत मानेगा ? तीसरा और अहम सवाल ये कि कोई भी हुकूमत हो..चाहे वह मुशर्ऱफ की, गिलानी की, या फिर शरीफ की रही हो, एक राष्ट्र के तौर पर पाकिस्तान की फितरत बदलती क्यों नहीं ?
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरी बहस दीपक चौरसिया के साथ: