नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले चीन ने तिब्बत में एक सीक्रेट जगह पर 11 घंटे तक युद्दाभ्यास किया था. इसके पीछे उसकी मंशा ये थी कि डोकलाम मुद्दे पर दुनिया को भारत के खिलाफ अपना गुस्सा बताए. साथ ही एक तरह से भातर को गीदड़ भभकी भी दे लेकिन अब हिंदुस्तान ने चीन के इस युद्धाभ्यास का करारा जवाब दिया है और वो भी बिना एक गोली या मिसाइल दागे. भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया कि वो युद्ध के मैदान में चीन को कैसे नाको चने चबवा सकता है. डोकलाम पर आंखे दिखा रहा चीन और उसका पिछलग्गू बनकर घूम रहा पाकिस्तान दोनों के दोनों मुल्क आज अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर हो जाएंगे. जो चीन अक्सर भारत को 1962 नहीं भूलने की गीदड़ भभकी देता है.
युद्ध के मैदान में भारत का सबसे ताकतवर हथियार है T-72 टैंक. सामने खड़ा दुश्मन कहीं भी हो और कितना भी खतरनाक क्यों ना हो. इसके सामने नहीं टिक सकता. हिंदुस्तानी सेना का ये टैंक तीन तरह से गोला बारूद छोड़ता हुआ और हर मुश्किल को पार करता हुआ आगे बढ़ जाता है. दुनिया की कोई भी सेना जो जमीन पर दुश्मन से दो-दो हाथ करती है तो उसकी सबसे अंग्रिम पक्ति का योद्दा टैंक होता है. इस टैक की ताकत और उसमें सवार सैनिकों को हौसला ही जमीनी जंग की तस्वीर बदलता है. जब तक जाबांज सैनिक है और जंग के ये हथियार है तब तब देश सुरक्षित है. कोई दुश्मन हिन्दुस्तान की तरफ आंख भी उठा कर नहीं देख सकता.
ये वही T-72 M-1 टैंक है जिसे भारत ने चीन के दुस्साहस को चुनौती देने के लिए ऐसे ही 100 टैक पिछले साल लद्दाख में तैनात किए थे. दुनिया भर में 20 बड़े युद्धों में अपना कमाल दिखा चुकी हैं 130 MM 46 गन्स. साल 1965 में पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ने में इन गन्स ने अहम भूमिका निभाई थी. वियतनाम से लेकर सीरिया तक इन गन्स के सामने दुश्मन टिक नहीं सका. 130MM 46 गन जो हिंदुस्तान की सेना की आन बान और शान है. जब ये युद्ध के मैदान में गरजती है तो मरने वाले दुश्मनों की चीखें सुनाई नहीं देतीं सिर्फ दुश्मनों की लाशो का एक शहर नजर आता है वो भी कुछ ही सेकेंड में. एक बार ये तन गई तो फिर 15 सेकंड के अंदर दुश्मन ढेर हो जाता है. 130 MM 46 गन की खासियत इसकी नाल है. इसे माइनस 2.5 डिग्री से लेकर 45 डिग्री तक फायर किया जा सकता है. हिंदुस्तानी सेना में इसकी रेंज 27 किलोमीटर तक है. मतलब इसकी नाल से पहाड़ी के ऊपर से भी नीचे आ रहे दुश्मन पर निशाना लगाया जा सकता है और साथ ही साथ समतल मैदान से 45 डिग्री के कोण पर दुश्मन पर मौत के गोले बरसाए जा सकते हैं.
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