श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में आज सीआरपीएफ के एक कैंप पर हुए आतंकी हमले को हमारे जवानों ने नाकाम कर दिया और सभी चार आतंकियों को मार गिराया. सीमा पार से दुश्मन आतंकियों की लगातार घुसपैठ करा रहा है. ऐसे में बार्डर पर हमारी सेना के जवानों के सामने उन्हे रोकने की कड़ी चुनौती होती है.
पिछले कई महीनो से पाकिस्तान हर रोज कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में ना सिर्फ़ सीजफायर का उल्लघंन कर रहा है बल्कि आतंकियो को भारत में घुसपैठ के लिए मदद भी कर रहा है. लेकिन हमारे भारतीय सेना के जवान महीनों अपने परिवार से दूर एलओसी पर डटे रहते हैं.
पीओके से सटी ये फार्वर्ड पोस्ट सबसे खतरनाक मानी जाती है. यही वो इलाका है जहां भारतीय सेना के जवानों ने घुसपैठ करने वाले सबसे ज्यादा आतंकियों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया है. क्योकि सामने पाक अधिकृत कश्मीर है जहां से पाकिस्तान की सेना आतंकियों की घुसपैठ कराती है.
इस पूरे इलाके में सिर्फ पहाड़ नजर आते हैं और सामने पीओके होता है. पलक झपकी नहीं कि दुश्मन अपनी कोशिश में कामयाब हो जाता है. लिहाजा इन्हे हर वक्त चौकन्ना रहना होता है. जैसे-जैसे शाम ढलती है, एलओसी पर खतरा बढता जाता है.
पहला दस्ता दिन की ड्यूटी के बाद अपने बैरक में लौट आया है. बैरक में जवानो के लिए तमाम सुविधाएं है. खाने की मैस से लेकर मनोरंजन के साधन और सेहत के लिए जिम का इंतजाम. इन सब के बीच देश की सुरक्षा में तैनात जवान अपने घरो से दूर कैसे आपस में खुशिया बाटते है.
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