नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ के बीच बातचीत हुए एक हफ्ता भी नहीं बीता और पाकिस्तान ने दुश्मनी बढ़ाने वाली हरकतें तेज़ कर दी हैं. रूस के उफा में जो साझा बयान जारी हुआ था, पाकिस्तान उन सबसे मुकरता नज़र आ रहा है. लखवी को पनाह और बॉर्डर पर फायरिंग का मकसद क्या […]
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ के बीच बातचीत हुए एक हफ्ता भी नहीं बीता और पाकिस्तान ने दुश्मनी बढ़ाने वाली हरकतें तेज़ कर दी हैं. रूस के उफा में जो साझा बयान जारी हुआ था, पाकिस्तान उन सबसे मुकरता नज़र आ रहा है. लखवी को पनाह और बॉर्डर पर फायरिंग का मकसद क्या है ?
रूस के उफा में 10 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के बीच जो बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था, उस पर अब पाकिस्तान की ओर से पानी फेरने का दौर शुरू हो गया है.
बॉर्डर पर फायरिंग तेज़ हो गई है. मुंबई पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड लखवी को आईएसआई ने अपनी पनाह में रखा है और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ अपने पुराने रंग में लौट आए हैं.
अब सरहद के दोनों तरफ ये बड़ी बहस का मुद्दा है कि लखवी को पनाह और बॉर्डर पर फायरिंग का मकसद क्या है? क्या नवाज़ शरीफ पर पाक आर्मी और आईएसआई का दबाव बढ़ गया है?