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कहीं वसुंधरा बीजेपी की मजबूरी तो नहीं बन गईं हैं?

 फेमा उल्लंघन के आरोपी ललित मोदी के समर्थन में एफिडेविट देने वालीं राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पूरी तरह घिरती नज़र आ रहीं हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मोदी की मदद के लिए मेल करना और वसुंधरा का एफिडेविट देने को मानवीय आधार पर मदद करने की भावना से प्रेरित माना भी जा सकता है लेकिन मोदी का वसुंधरा के बेटे की कंपनी के शेयर्स को 100 गुना से ज्यादा दाम पर खरीदना किसी के भी गले से नहीं उतर रहा है. 

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  • June 26, 2015 3:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. फेमा उल्लंघन के आरोपी ललित मोदी के समर्थन में एफिडेविट देने वालीं राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पूरी तरह घिरती नज़र आ रहीं हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मोदी की मदद के लिए मेल करना और वसुंधरा का एफिडेविट देने को मानवीय आधार पर मदद करने की भावना से प्रेरित माना भी जा सकता है लेकिन मोदी का वसुंधरा के बेटे की कंपनी के शेयर्स को 100 गुना से ज्यादा दाम पर खरीदना किसी के भी गले से नहीं उतर रहा है. 

इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम टूनाइट विद दीपक चौरसिया में वसुंधरा को लेकर बीजेपी की इसी कन्फ्यूजन पर चर्चा की गयी. ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’ नारा देने वाले पीएम मोदी और कांग्रेसी भ्रष्टाचार को आधार बना सत्ता में पहुंची पार्टी बीजेपी के कई प्रमुख नेता अब खुद सवालों के घेरे में हैं. उधर गृहमंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान कि यह यूपीए नहीं है, किसी का इस्तीफ़ा नहीं लिया जाएगा ने जनता में बुरा मैसेज पहुंचाया है. सभी विपक्षी दल फिलहाल सरकार के प्रति आक्रामक रुख बनाए हुए हैं और मोदी विवाद में फंसे नेताओं का इस्तीफ़ा मांग रहे हैं. उधर इस पूरे प्रकरण पर पीएम मोदी की चुप्पी संदेहास्पद माहौल बनाए हुए है. 

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