नई दिल्ली. बीजेपी के बारे में आम धारणा यही है कि ये एक कट्टर हिंदू वादी पार्टी है, जिसकी डोर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के हाथों में है. आम मान्यता है कि आरएसएस नागपुर से दिल्ली की सरकार चलाती है. लेकिन, क्या मोदी इस छवि से बीजेपी को बाहर निकालने की कोशिश में जुट गए […]
नई दिल्ली. बीजेपी के बारे में आम धारणा यही है कि ये एक कट्टर हिंदू वादी पार्टी है, जिसकी डोर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के हाथों में है. आम मान्यता है कि आरएसएस नागपुर से दिल्ली की सरकार चलाती है. लेकिन, क्या मोदी इस छवि से बीजेपी को बाहर निकालने की कोशिश में जुट गए हैं ? ये बड़ा सवाल मोदी के ताजा इंटरव्यू से उठा है.
मोदी सरकार में पिछले एक साल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बेहिसाब बयानबाजियां हुईं हैं. आरोप यहां तक लगे कि मोदी के इशारे पर माहौल खराब किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने यूएनआई को दिए ताजा इंटरव्यू में पहली बार संघ व वीएचपी की ओर इशारा करते हुए चेतावनी दी है कि सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयानबाजी और हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी. तो अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मोदी की दो टूक संघ-वीएचपी के मुंह पर ताला जड़ देगी ?