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संविधान सबको बराबर मानता है तो हर धर्म के लिए अलग कानून क्यों ?

केंद्र सरकार ने पहली बार समान नागरिक संहिता बनाने की पहल की है. लॉ कमीशन को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर रिपोर्ट बनाने को कहा गया है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या समान नागरिक संहिता नहीं होनी चाहिए ?

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  • July 1, 2016 4:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पहली बार समान नागरिक संहिता बनाने की पहल की है. लॉ कमीशन को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर रिपोर्ट बनाने को कहा गया है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या समान नागरिक संहिता नहीं होनी चाहिए ? 
 
आखिर देश का संविधान जब सबको बराबर मानता है तो यहां हर धर्म के लिए अलग-अलग कानून क्यों है. इंडिया न्यूज के खास शो ‘टुनाइट विद दीपक चौरसिया’ में आज इन्हीं सवालों पर हुई बड़ी बहस.
 
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो

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