दाऊद इब्राहिम के पते को लेकर मोदी सरकार का कन्फ्यूजन दूर हो गया है. सरकार ने देश से वादा भी किया है कि वह दाऊद को भारत लाकर रहेगी. संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में ही है और सरकार उसे भारत लाकर रहेगी. सरकार को सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि पिछले हफ्ते गृह राज्यमंत्री हरिभाऊ चौधरी ने लिखित जबाव में कहा था कि सरकार को नहीं पता कि दाऊद कहां है?
नई दिल्ली. दाऊद इब्राहिम के पते को लेकर मोदी सरकार का कन्फ्यूजन दूर हो गया है. सरकार ने देश से वादा भी किया है कि वह दाऊद को भारत लाकर रहेगी. संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में ही है और सरकार उसे भारत लाकर रहेगी. सरकार को सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि पिछले हफ्ते गृह राज्यमंत्री हरिभाऊ चौधरी ने लिखित जबाव में कहा था कि सरकार को नहीं पता कि दाऊद कहां है?
इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम टूनाइट विद दीपक चौरसिया में आज इसी पर चर्चा की गयी. आपको बता दें कि पाकिस्तान सरकार और पकिस्तान ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का रवैया दाउद को लेकर संदेहास्पद रहा है. पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए चर्चा में ब्रिगेडियर फारुख अहमद खां भी मौजूद रहे. इसके आलावा चर्चा में बीजेपी की तरफ से संबित पात्रा, कांग्रेस की तरफ से पीएल पुनिया और रक्षा विशेषज्ञ शांतनु सेन और वाईसी पवार भी मौजूद रहे.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान से लाने का दावा पुरजोर तरीके से सरकार इसलिए कर रही है क्योंकि पांच मई को ही गृह राज्यमंत्री कह चुके थे कि उन्हें नहीं पता कि दाऊद कहां है? बैकफुट पर आई सरकार ने तभी डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया था और अब राजनाथ ने संसद में बयान दिया है कि दाऊद के पाकिस्तान में होने की पुख्ता जानकारी है.
पिछले हफ्ते गृह राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने लिखित जवाब में कहा था कि दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपी है और उसके खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया हुआ है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी उसके खिलाफ स्पेशल नोटिस कर रखा है. अब तक ये पता नहीं चल सका है कि वो कहां है. जैसे ही ये पता चलेगा कि दाऊद इब्राहिम कहां है, उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए थे जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी. दाऊद ने इसके बाद ही पाकिस्तान में अपना ठिकाना बना लिया था. दाऊद पर ये भी आरोप है कि उसने 2008 में मुंबई हमले में भी आतंकियों की मदद की थी. पिछले 22 सालों से दाऊद की तलाश है. लेकिन पिछले हफ्ते के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था और अब एक हफ्ते के भीतर ही सरकार ने यू-टर्न ले लिया.
दाऊद को भारत वापस लाने की मांग मोदी सरकार बनने से पहले ही तब शुरू हुई थी जब तब पीएम पद के उम्मीदवार रहे नरेद्र मोदी ने कहा था कि इन बातों का ढिंढोरा नहीं पीटा जाता.मोदी से ये सवाल अमेरिका के पाकिस्तान में घुसकर लादेन के मारने को लेकर था. हालांकि मोदी ने ये तो वादा नहीं किया था वो पाकिस्तान से दाऊद को लेकर आएंगे लेकिन तब सवाल जरूर उठे थे कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो क्या दाऊद को वैसे ही हिंदुस्तान वापस लाएंगे जैसे लादेन के साथ अमेरिका ने किया था. वक्त बीता और एक साल बाद दाऊद के लापता होने के बयान पर सरकार पर जबरदस्त हमले हुए. लेकिन सरकार अब एक बार फिर कह रही है कि दाऊद को पाकिस्तान से लाकर रहेंगे.