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जेएनयू में आतंकियों का खुला समर्थन क्यों ?

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. लेकिन इस कार्यक्रम में जेएनयू के स्टूडेंट्स आपस में भिड़ गए. इस दौरान हालात को काबू करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा.

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  • February 10, 2016 4:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
 
नई दिल्ली. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. लेकिन इस कार्यक्रम में जेएनयू के स्टूडेंट्स आपस में भिड़ गए. इस दौरान हालात को काबू करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा.
 
रिपोर्ट्स के मुताबकि कुछ छात्रों ने यूनिवर्सिटी के साबरमती ढाबे पर कार्यक्रम को आयोजित किया था जिसमें वे अफजल गुरु को फांसी देने के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीरियों को खुद के फैसले लेने के अधिकार दिए जाने को लेकर आवाज उठाना भी था. कार्यक्रम की मंजूरी तो मिली लेकिन अखिल भारतीय हिंदू परिषद ने मंजूरी वापस करवा दी. 
 
बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को देश की बेहतरीन यूनिवर्सिटी माना जाता है. फिर शिक्षा के इस केंद्र में देशद्रोहियों और आतंकवादियों के समर्थन में नारे क्यों लगाए जा रहे हैं.? 
 
जेएनयू के कुछ छात्रों को ऐसा क्यों लगता है कि बोलने की आजादी है तो देश विरोधी बयानबाज़ी की भी छूट है.? इंडिया न्यूज के खास शो ‘बड़ी बहस’ में आज इसी अहम मुद्दे पर होगी आज बहस.
 
 
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