राजधानी दिल्ली में अब सफाई कर्मचारियों की हड़ताल तिमाही तमाशा बन चुकी है. हर तीसरे महीने एमसीडी के कर्मचारी वेतन के लिए हड़ताल पर जाते हैं, फिर महीने-दो महीने का बकाया वेतन पाते हैं और फिर वही कहानी.
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में अब सफाई कर्मचारियों की हड़ताल तिमाही तमाशा बन चुकी है. हर तीसरे महीने एमसीडी के कर्मचारी वेतन के लिए हड़ताल पर जाते हैं, फिर महीने-दो महीने का बकाया वेतन पाते हैं और फिर वही कहानी.
दिल्ली में सफाई, पढ़ाई, दवाई सब बंद है. एमसीडी पर बीजेपी का राज है और बीजेपी कह रही है कि एमसीडी की बदहाली के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार ने अपने हिस्से का पूरा फंड नहीं दिया.
दिल्ली के डिप्टी सीएम कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने एमसीडी को इतना फंड दिया, जितना कांग्रेस और एलजी के राज में नहीं मिला था. दिल्ली कूड़े के ढेर में बदल गई है, ये सच है. कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है, ये भी सच है. लेकिन, एमसीडी की आर्थिक हालत के बारे में बीजेपी सच बोल रही है या आम आदमी पार्टी, ये पता नहीं. अब ये बड़ी बहस का मुद्दा है कि दिल्ली में सफाई, दवाई, पढ़ाई बंद हुई तो इसका जिम्मेदार कौन है ?
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