नई दिल्ली: जबकि दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी दिग्गज एप्पल विफल हो रही है, दूसरी तकनीकी माइक्रोसॉफ्ट को फायदा हो रहा है. दरअसल माइक्रोसॉफ्ट ने एप्पल से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब छीन लिया है, और आज माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी है. कोर्ट ने एप्पल को तगड़ा झटका दिया है. iPhone […]
नई दिल्ली: जबकि दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी दिग्गज एप्पल विफल हो रही है, दूसरी तकनीकी माइक्रोसॉफ्ट को फायदा हो रहा है. दरअसल माइक्रोसॉफ्ट ने एप्पल से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब छीन लिया है, और आज माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी है. कोर्ट ने एप्पल को तगड़ा झटका दिया है. iPhone के स्लो होने से Apple को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. iPhone को धीमा करने के लिए Apple के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था, जिसे Apple हार गया है, और अब से Apple को सभी ग्राहकों को भुगतान करना होगा.
खबरों के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि कंपनी का मूल्य 2.888 ट्रिलियन डॉलर हो गया, और कंपनी ने ये उपलब्धि गुरुवार को हासिल की. दरअसल Apple का मूल्य Microsoft से केवल 0.3 प्रतिशत कम है, और एप्पल का बाजार मूल्य 2.887 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. जबकि Microsoft ने 2021 के बाद पहली बार Apple को हराया है. हालांकि एप्पल मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन एप्पल मुआवजे के रूप में टोटल 14.4 मिलियन कनाडियन डॉलर देने के लिए तैयार हुआ है, और इस सेटलमेंट को कोर्ट की मंजूरी भी मिल गई है. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एप्पल ने जिन यूजर्स के आईफोन स्लो किए हैं, उन्हें कम-से-कम 150 कनाडियन डॉलर दे सकता है.
बता दें कि एप्पल के क्रैश होने का कारण 2024 में iPhone की कमजोर शुरुआत रही. दरअसल Microsoft के लिए दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि Apple के साथ अंतर केवल 0.3 % का है . एप्पल भविष्य में इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाला है.