Advertisement
  • होम
  • टेक
  • आपके सिस्टम को मैलवेयर या वायरस किसका ज्यादा खतरा? कैसे करें फिक्स

आपके सिस्टम को मैलवेयर या वायरस किसका ज्यादा खतरा? कैसे करें फिक्स

डिजिटल युग में साइबर खतरों का सामना करना आम बात हो गई है। आपने अक्सर खबरों में वायरस और मालवेयर के हमलों के बारे में सुना होगा। मालवेयर एक हानिकारक सॉफ्टवेयर है, जिसे साइबर अपराधी डिवाइस या नेटवर्क को हैक करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसे थर्ड पार्टी द्वारा किसी लिंक, ईमेल या ऐप के जरिए आपके डिवाइस में डाला जा सकता है।

Advertisement
Which is more dangerous to your system, malware or virus how to fix, Tech News
  • December 28, 2024 3:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 14 hours ago

नई दिल्ली: डिजिटल युग में साइबर खतरों का सामना करना आम बात हो गई है। आपने अक्सर खबरों में वायरस और मालवेयर के हमलों के बारे में सुना होगा। ये दोनों ही आपके डिवाइस और डेटा के लिए खतरनाक हो सकते हैं, लेकिन इनमें अंतर और इनके नुकसान का लेवल अलग-अलग होता है। आइए जानते है कि मैलवेयर या वायरस में से क्या ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

मालवेयर सॉफ्टवेयर

मालवेयर एक हानिकारक सॉफ्टवेयर है, जिसे साइबर अपराधी डिवाइस या नेटवर्क को हैक करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसे थर्ड पार्टी द्वारा किसी लिंक, ईमेल या ऐप के जरिए आपके डिवाइस में डाला जा सकता है। मालवेयर कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि जासूसी करने वाले या धमकी देने वाले सॉफ्टवेयर। अनजान लिंक पर क्लिक करना या असुरक्षित ऐप इंस्टॉल करना मालवेयर के प्रवेश का प्रमुख कारण हो सकता है।

क्या है वायरस

वायरस एक विशेष प्रकार का मालवेयर है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह खुद को बार-बार बदलता है और फैलता रहता है। यह आपके डिवाइस में मौजूद फाइल्स, फोटो या वीडियो को बदलकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। वायरस ईमेल, पेन ड्राइव, वेबसाइट या नेटवर्क के जरिए आपके डिवाइस में प्रवेश कर सकता है।

कौन ज्यादा खतरनाक

वायरस और मालवेयर दोनों ही खतरनाक होते हैं। ये आपके डिवाइस और डेटा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। वायरस आपके डेटा को बदलकर या डिलीट कर सकता है, जबकि मालवेयर आपके डेटा को चुरा सकता है और डिवाइस को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है। दोनों से बचना बेहद जरूरी है।

कैसे करें बचाव?

1. एंटी-वायरस और एंटी-मालवेयर सॉफ्टवेयर: अपने डिवाइस में विश्वसनीय सेफ्टी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।

2. सिक्योरिटी अपडेट: अपने डिवाइस के सिक्योरिटी सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करें।

3. स्ट्रॉन्ग पासवर्ड: ईमेल और लॉगिन अकाउंट के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।

4. ट्रस्टेड वेबसाइट्स: हमेशा https:// से शुरू होने वाली सुरक्षित वेबसाइट का उपयोग करें।

5. डेटा बैकअप: अपने महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप लेकर रखें।

6. अनजान लिंक से बचें: किसी भी संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से बचें।

ये भी पढ़ें: अब सिर्फ कॉलिंग मैसेज का रिचार्ज करा सकेंगे यूजर, TRAI ने कंपनियों से बेसिक प्लॉन लाने को कहा

Advertisement