नई दिल्ली : आज तकनीक काफी आगे बढ़ गई है. जहां तकनीक के बढ़ने से लाइफसाइल में भी काफी बदलाव आया है. इसी बीच मशीन और ऑर्गेनिज्म के इंटीग्रेशन ने लंबे समय से बहस छेड़ रखी है. हालांकि कई लोग इसमें चिंता भी जताते हैं कि ये तकनीक लोगों पर मशीनों को हावी कर सकती […]
नई दिल्ली : आज तकनीक काफी आगे बढ़ गई है. जहां तकनीक के बढ़ने से लाइफसाइल में भी काफी बदलाव आया है. इसी बीच मशीन और ऑर्गेनिज्म के इंटीग्रेशन ने लंबे समय से बहस छेड़ रखी है. हालांकि कई लोग इसमें चिंता भी जताते हैं कि ये तकनीक लोगों पर मशीनों को हावी कर सकती है लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे छोटे वर्ज़न में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
इंटरमिक्स के जरिए Cyborgs इंसेक्ट को बनाया गया है. Cyborgs कहलाने वाले इस कीड़े को कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे अर्बन सर्च और रेस्क्यू मिशन आदि में शामिल किया जा सकता है. हालांकि अभी भी इसका प्रयोग चल रहा है जो अब तक शुरूआती स्टेज में है.
इस यूनिक मशीन से आप आसानी से एनवायरमेंट को मॉनिटर कर सकते हैं. इसके अलावा Cyborgs की मदद से मूवमेंट्स को भी ट्रैक किया जा सकता है और प्राकृतिक आपदा के समय कॉर्डेनेटिंग रेस्क्यू और सर्च मिशन भी चलाया जा सकता है. npj Flexible Electronics वेबसाइट ने इसके बारे में जानकारी दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने इसकी उपयोगिता को वायरलेस लोकोमोशन कंट्रोल को रिचार्ज करके भी दिखाया है। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स में एडवांसमेंट की वजह से ऑर्गेनिज्म और मशीन का इंटीग्रेशन का बढ़ रहा है.
दरअसल सेमीकंडक्टर चिप के जरिए इस छोटे से Cyborg को तैयार किया गया है. इसको जापान के Center for Emergent Matter Science के वैज्ञानिकों ने बनाया है. टीम ने इसके लिए पहले एक कॉकरोच का बैकपैक बनाया एयर इसको ऑर्गेनिज्म के नर्वस सिस्टम से जोड़ दिया. इसका पावर आउटपुट पिछले डिवाइस से 50 गुना ज्यादा था. Cyborg कॉकरोच को अल्ट्राथीन सोलर सेल के जरिए तैयार किया गया है. ये इंसेक्ट के मूवमेंट को प्रभावित नहीं करता है.