आइडिया वोडाफोन का विलय इन कंपनियों के हजारों कर्मचारियों के लिए भारी पड़ रहा है. दोनों कंपनियां विलय से पहले ही करीब 5000 कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. विलय के बाद भी करीब 2500 कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकी है.
नई दिल्ली. आइडिया और वोडाफोन का मर्ज हो गया है. अब दोनों कंपनियां एक हो चुकी हैं. वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिरला ग्रुप की आइडिया के हाथ मिलाते ही अब ये भारत की लार्जेस्ट टेलिकॉम कंपनी बन गई हैं. वोडाफोन आइडिया 408 मिलियन ग्राहकों का दावा करती हैं. वोडाफोन आइडिया अपनी कंपनी में हैडकाउंट लेवल को 15000 के लेवल तक सीमित करना चाहती है. ऐसे में कंपनी से 2500 कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है.
इकॉनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियों में कुल 1,750,018,000 लोगों का स्टाफ है. इनमें से करीब 2500 लोगों की छंटनी अगले कुछ महीनों में की जाएगी. बताया जा रहा है कि कि छंटनी किए लोगों को अच्छा पैकेज देकर कंपनी से विदा किया जाएगा.
मर्जर से पहले ही वोडाफोन आइडिया ने करीब पांच हजार लोगों की छंटनी की थी. इसमें सैलरी का तीन गुना एक साथ दिया गया था. अब आगामी छंटनी भी इसी तरह से दी जा सकती है. पहले छंटनी किए गए कर्मचारियों को गोल्डन हैंडशेक दिया गया था. इसके साथ ही उन्हें भारी अमाउंट भी दिया गया था. बताया गया था कि 5 लाख मंथली सैलरी वाले कर्मचारियों को 25 लाख तक ऑफर किया गया था.
एक सप्ताह पुरानी कंपनी वोडाफोन आइडिया हेडकाउंट को कम करने के अलावा दूरसंचार के क्षेत्र में अग्रणी स्थान बनाए रखने के लिए भी बाकी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा की तैयारी करेंगी. फिलहाल एयरटेल दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद भी टक्कर देता नजर आ रहा है. पहले स्थान पर बरकरार रहने के लिए वोडाफोन आइडिया को एयरटेल से कड़ी टक्कर मिल रही है.
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