नई दिल्ली : एक ओर सभी प्रौद्योगिकी कंपनियां डीपफेक को रोकने के लिए एकजुट हो रही हैं, और दूसरी ओर ये कंपनियां एआई उपकरण तैनात कर रही हैं जो बड़े पैमाने पर डीपफेक कर सकते हैं. बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने VASA 1 AI पेश किया है. ये टूल आपको किसी व्यक्ति के वास्तविक चेहरे […]
नई दिल्ली : एक ओर सभी प्रौद्योगिकी कंपनियां डीपफेक को रोकने के लिए एकजुट हो रही हैं, और दूसरी ओर ये कंपनियां एआई उपकरण तैनात कर रही हैं जो बड़े पैमाने पर डीपफेक कर सकते हैं. बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने VASA 1 AI पेश किया है. ये टूल आपको किसी व्यक्ति के वास्तविक चेहरे से मिलती-जुलती तस्वीर लेने और उससे एक वीडियो बनाने की अनुमति देता है. VASA 1 AI इतना पावरफुल है कि सिर्फ एक फोटो से ये टूल ऑडियो क्लिप के साथ एक शॉर्ट वीडियो तैयार कर सकता है.
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आप VASA 1 AI द्वारा बनाए गए डेमो वीडियो में लिप्स की मूवमेंट को भी देख सकते हैं, कहा जाता है कि VASA 1 AI को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह वास्तविक जैसा वीडियो हाई क्वालिटी में तैयार कर सकता है. ये AI टूल 512×512 पिक्सल के रेजोल्यूशन और 40 फ्रेम प्रति सेकंड के साथ वीडियो बना सकता है. दरअसल VASA 1 AI से आप 1 मिनट के वीडियो बना सकते हैं. ये टूल कितना खतरनाक है, ये जानने के लिए आप वीडियो देख सकते है. अगर ये सार्वजनिक हो गया तो डीपफेक वीडियो की संख्या तेजी से बढ़ सकती है.
दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये टूल आपकी फोटो से आपका ही एक ऐसा वीडियो तैयार कर सकता है जिसे देखकर कोई भी धोखा खा जाएगा, कि इसमें चेहरे के हावभाव भी एकदम वास्तविक जैसे होते हैं, बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने इसे सभी के लिए उपलब्ध नहीं कराया है.
ये टूल OpenAI के Sora जैसा ही है. दोनों ही टूल्स रियलिस्टिक वीडियो जनरेट करता हैं. जहां Sora कॉम्प्लेक्स वीडियो को बैकग्राउंड और आर्टिफैक्ट्स के साथ बनाता है. तो वहीं VASA-1 का फोनस ह्यूमन एक्सप्रेशन पर है. दरअसल ये दोनों ही टूल अभी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं हैं.
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