नई दिल्ली. मद्रास हाई कोर्ट द्वारा लोकप्रिय मोबाइल ऐप टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद, सरकार ने मंगलवार को गूगल और एप्पल को अदालत के आदेश का पालन करने और ऐप को हटाने के लिए कहा. बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चीन स्थित बाइटडांस टेक्नोलॉजी के प्रतिबंध को निलंबित करने के अनुरोध से इनकार करने के कुछ घंटों बाद गूगल ने भारत में ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया.
अदालत ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें टिक टॉक ऐप को इस आधार पर प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी कि इसमें कथित रूप से ऐसी सामग्री शामिल है जो अपमानित संस्कृति और अश्लील साहित्य को प्रोत्साहित करती है. चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाली ऐप में यूजर्स शॉर्ट वीडियो बनाकर उन्हें शेयर कर सकते हैं. अदालत ने केंद्र को टिक टॉक ऐप बैन करने के लिए निर्देश दिया था कि वह इस पर प्रतिबंध लगाकर इसके माध्यम से अश्लील सामग्री तक पहुंच रोक सकते हैं.
3 अप्रैल को दिए अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अदालत ने ऐप के इस्तेमाल की जांच करने के लिए वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को एक स्वतंत्र वकील के रूप में नियुक्त किया. मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को की जाएगी. टिक टॉक के मालिक अरविंद दातार को स्वतंत्र वकील के रूप में नियुक्त करने के बारे में सकारात्मक हैं.
कंपनी ने कहा, हम अरविंद दातार को अदालत में स्वतंत्र वकील के रूप में नियुक्त करने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. हमें भारतीय न्याय व्यवस्था में विश्वास है और हम एक ऐसे परिणाम के बारे में आशावादी हैं जो भारत में 120 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय यूजर्स के हित में होगा. ये उन लोगों के हित में होगा जो अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने और अपने रोजमर्रा के जीवन के बारे में बताने के लिए टिकटॉक का उपयोग करते हैं.
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