नई दिल्ली: इजराइल ने जिस क्रिस्टल मेज 2 मिसाइल से ईरान पर हमला किया था वह अब भारत में बनाई जा सकती है. इसकी प्लानिंग चल रही है 23 अप्रैल 2024 को भारतीय वायुसेना ने अपने सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. मिसाइल ने लक्ष्य पर सटीक वार किया. […]
नई दिल्ली: इजराइल ने जिस क्रिस्टल मेज 2 मिसाइल से ईरान पर हमला किया था वह अब भारत में बनाई जा सकती है. इसकी प्लानिंग चल रही है 23 अप्रैल 2024 को भारतीय वायुसेना ने अपने सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. मिसाइल ने लक्ष्य पर सटीक वार किया.
इस मिसाइल को भारत में बनाने का फायदा यह होगा कि यह मिसाइल हमारी सेना को आसानी से मिल जाएगी. विदेश से आयात करने का खर्च बचेगा. यह मिसाइल दुश्मन के लक्ष्य के करीब आए बिना उस पर हमला कर सकती है. यानी भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान दुश्मन के इलाके में गए बिना वहां मौजूद लक्ष्यों पर निशाना साध सकते हैं.
इस मिसाइल को इजरायली कंपनी राफेल बनाती है. भारत ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (टीओटी) के तहत देश में करीब 100 मिसाइलें बनाने की कोशिश कर रहा है. कल्याणी ग्रुप संभवत: इस मिसाइल का निर्माण यहीं कर सकता है. बता दें इस मिसाइल ने ईरान की S-300 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया था.
क्रिस्टल मेज 2 की रेंज 250 किलोमीटर है. यानी यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जो हवा से सतह पर मार कर सकती है. इस मिसाइल का वजन करीब 1360 किलोग्राम है. 15 फीट लंबी इस मिसाइल का व्यास 21 इंच है. इसके पंख की लंबाई 6.6 फीट है. यह सिंगल स्टार सॉलिड रॉकेट इंजन के जरिए उड़ान भरता है.
ज्ञातव्य है कि इस मिसाइल में 340 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगाया जा सकता है. इस वजन का ब्लास्ट विखंडन यानी लक्ष्य पर वार करने के बाद उसे टुकड़ों में उड़ाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा इसमें मोटी दीवारों वाले बंकरों को उड़ाने में सक्षम 360 किलोग्राम का पेनेट्रेटिंग हथियार भी लगाया जा सकता है.