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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के द्वारा हुआ देश के पहले FutureLABS सेंटर का उद्घाटन

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा सी-डैक तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले FutureLABS केंद्र का उद्घाटन हुआ। बता दें कि इस सेंटर को सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर चिप्स एंड सिस्टम्स फॉर स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स नाम दिया गया है। ये सेंटर नेक्स्ट जनेरेशन चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। किए गए कई बड़े […]

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के द्वारा हुआ देश के पहले FutureLABS सेंटर का उद्घाटन
  • March 13, 2024 2:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा सी-डैक तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले FutureLABS केंद्र का उद्घाटन हुआ। बता दें कि इस सेंटर को सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर चिप्स एंड सिस्टम्स फॉर स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स नाम दिया गया है। ये सेंटर नेक्स्ट जनेरेशन चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

किए गए कई बड़े ऐलान

इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के लिए रेल मंत्रालय और C-DAC (T) के बीच सहयोग को लेकर ऐलान किया गया।साथ ही माइक्रोग्रिड टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट और स्थापना के लिए C-DAC(T) और टाटा पावर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया गया है। ऐसे में बीते दिन ईवी वायरलेस चार्जर के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए भी घोषणा की गई। जिसे C-DAC(T) और VNIT Nagpur द्वारा डेवलप किया गया है। इसे BelRise Industries Limited को ट्रांसफर किया जाएगा।

नए सेंटर की खासियत

बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 100 से अधिक छात्रों को जानकारी दी कि नया सेंटर किस तरह भविष्य में नए अवसरों की खोज में मदद करेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की यह पहल तिरुवनंतपुरम को अलग इनोवेशन हब बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। FutureLABS भारत सरकार के सिस्टम के रूप में CDAC को इंडस्ट्री, छात्रों, स्टार्टअप और शिक्षा जगत को जोड़ने में अहम रोल निभाएगा।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार और उद्योग जगत में हमारा दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है। दुनिया का डिजिटलीकरण और दुनिया की डिजिटल अर्थव्यवस्थाएं आज तेजी से विस्तार कर रही हैं। भारतीय स्टार्टअप और छात्रों के लिए एआई, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स तीन क्षेत्रों में काफी संभावनाएं देखी जा रही हैं। ऐसे में C-DAC(T) कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इन लैब्स बनाने के लिए इच्छुक और सुविधा देने में सहायता करेगा।

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