खाना ऑर्डर करने से लेकर टैक्सी बुक करने तक, कुछ ही क्लिक में ऐप्स इंस्टॉल की जा सकती हैं। गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर लाखों ऐप्स मौजूद हैं। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐप डाउनलोड करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। ऐप डाउनलोड करने के बाद उसकी मांगी गई परमिशन पर नजर रखें।
नई दिल्ली: आजकल स्मार्टफोन पर हर काम के लिए मोबाइल ऐप्स स्टाल किये जा सकते हैं। खाना ऑर्डर करने से लेकर टैक्सी बुक करने तक, कुछ ही क्लिक में ऐप्स इंस्टॉल की जा सकती हैं। गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर लाखों ऐप्स मौजूद हैं। हालांकि ऐप्स डाउनलोड करना जितना आसान है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐप डाउनलोड करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर जैसे भरोसेमंद स्रोत से ही ऐप्स डाउनलोड करें। वहीं थर्ड-पार्टी वेबसाइट या संदिग्ध लिंक से ऐप डाउनलोड करने से बचें। ऐसी जगहों से ऐप्स के साथ हानिकारक फाइलें या मालवेयर भी आपके फोन में आ सकते हैं, जिससे डिवाइस और डेटा को नुकसान हो सकता है।
ऐप डाउनलोड करने के बाद उसकी मांगी गई परमिशन पर नजर रखें। ऐप्स को सामान्य तौर पर कुछ परमिशन की जरूरत होती है, लेकिन अगर कोई ऐप अतिरिक्त या गैर-जरूरी परमिशन मांगती है, तो सतर्क हो जाएं। अनावश्यक परमिशन देने से आपकी निजी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ सकता है।
नई ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके यूजर रिव्यू जरूर पढ़ें। ऐप स्टोर पर दिए गए रिव्यू ऐप की गुणवत्ता, फंक्शनिंग और सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हैं। अगर किसी ऐप को ज्यादा नकारात्मक रिव्यू मिले हैं, तो उसे डाउनलोड करने से बचें।
नई ऐप इंस्टॉल करने के बाद अपने फोन की परफॉर्मेंस को मॉनिटर करें। वहीं अगर ऐप डाउनलोड करने के बाद फोन स्लो हो जाए, बार-बार विज्ञापन दिखने लगें या बैटरी तेजी से खत्म हो, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है। यह बताता है कि ऐप के साथ कोई हानिकारक फाइल या मालवेयर आया है। ऐसी स्थिति में तुरंत ऐप को डिवाइस से हटा दें।
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