Social Media Mental Health Risks: सोशल मीडिया पर लोगों में बढ़ रही लाइक-कमेंट्स की प्रतिस्पर्धा, जानिए इससे क्या हैं खतरे और बचने के लिए क्या कर रहीं कंपनियां

Social Media Mental Health Risks: सोशल मीडिया के इस दौर में लोगों में प्रतिस्पर्धा, ईर्ष्या, उत्पीड़न, अवसाद, तनाव की स्थिति पनप रही है. इससे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स उपाय करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर लाइक काउंट हटाने या छिपाने की कवायद जारी है. ट्विटर, यूट्यूब जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी कंटेट पॉलिसी मेें बदलाव कर लोगों को सकारात्मक होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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Social Media Mental Health Risks: सोशल मीडिया पर लोगों में बढ़ रही लाइक-कमेंट्स की प्रतिस्पर्धा, जानिए इससे क्या हैं खतरे और बचने के लिए क्या कर रहीं कंपनियां

Aanchal Pandey

  • November 12, 2019 8:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. तकनीकी और इंटरनेट के इस दौर में आज सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, टिकटॉक समेत आज कई ऐसे माध्यम हैं जहां करोड़ों की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं. वर्तमान में सोशल मीडिया सिर्फ बातचीत और फीलिंग्स शेयर करने का माध्यम ही नहीं बल्कि एक दिखावे का प्लेटफॉर्म बन गया है. सोशल मीडिया पर यूजर्स के बीच लाइक्स, कमेंट्स की होड़ सी मची है. लोग एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा में उलझे हुए हैं. वहीं जिन लोगों के पोस्ट पर दूसरों से कम लाइक्स अथवा कमेंट्स आते हैं वे निराश होकर अवसाद में जा रहे हैं. मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो यह एक गंभीर विषय है और तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इससे बचने के लिए उपाय भी कर रहे हैं.

क्या है खतरा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइक्स कमेंट्स की मची होड़ से लोगों में हतोत्साहित और अवसाद के शिकार हो रहे हैं. उदाहरण के तौर पर- आपका कोई दोस्त इंस्टाग्राम पर जब कोई पोस्ट करता है तो उसे ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स मिलते हैं. जबकि आपकी पोस्ट पर बहुत ही कम लाइक्स आते हैं. उसके अकाउंट पर फॉलोवर्स भी हजारों की संख्या में हैं, जबकि आपके कम हैं. ऐसे में आपको उसके खिलाफ ईर्ष्या की भावना पैदा हो सकती है. आप इस बारे में सोच-सोच कर अपना मानसिक स्वास्थ्य भी खराब कर सकते हैं और तनाव में जा सकते हैं.

इसके अलावा सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट या खबर आग की तरह फैल जाती है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ गलत जानकारी फैलने का भी डर रहता है. इसके नतीजे ये होते हैं कि लोग अवसाद में आकर आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेते हैं.

फेसबुक और इंस्टाग्राम लाइक काउंट को हटाने पर कर रहे विचार-
फेसबुक के मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइक काउंट को हटाने पर विचार कर रहा है. इंस्टाग्राम की ओर से कहा भी गया है कि अमेरिका समेत कनाडा, जापान, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इंस्टाग्राम पोस्ट पर लाइक काउंट हटाने की टेस्टिंग की जा रही है.

इसी तरह फेसबुक भी लाइक काउंट को छिपाने योजना बना रहा है. यानी कि यूजर्स चाहें तो फेसबुक के लाइक काउंट को पब्लिक से छुपाकर प्राइवेट मोड में डाल सकेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि फेसबुक लाइक काउंट से लोगों में ईर्ष्या और तनाव की स्थिति पनप रही है, जो कि लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

इंस्टाग्राम और फेसबुक ने अपनी कंटेंट पॉलिसी में भी बदलाव किया है. ताकि इन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी कोई पोस्ट शेयर न हों जिससे किसी की निजी अथवा सामाजिक भावनाएं आहत हों.

https://www.youtube.com/watch?v=d_zCpJTdPfw

दूसरी तरफ ट्विटर भी जल्द लोगों में सकारात्मक भावनाओं का संचार करने और उत्पीड़न को कम करने के लिए कुछ टेस्ट करने वाला है. इसमें लोगों को सकारात्मक तरीके से ट्वीट करने, रिप्लाई करने और रिट्वीट करने के लिए मोटिवेट किया जाएगा.

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