नई दिल्ली : देश में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए नए हथियार पेश किए हैं. एमएचए साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने राज्य पुलिस और सरकारी एजेंसियों का समर्थन करने के लिए इस सॉफ्टवेयर […]
नई दिल्ली : देश में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए नए हथियार पेश किए हैं. एमएचए साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने राज्य पुलिस और सरकारी एजेंसियों का समर्थन करने के लिए इस सॉफ्टवेयर को विकसित और लॉन्च किया है. अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर वास्तविक समय में साइबर अपराधियों को ट्रैक करता है और नेटवर्क को बाधित करता है.
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अधिकारियों ने कहा कि प्रखंड देश भर में साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन नंबरों को जियोग्राफिक इंफोर्मेशन सिस्टम या जीआईएस में मैप करेगा. अधिकारियों ने कहा कि सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाताओं और अधिकारियों को मानचित्र पर साइबर अपराधियों की वास्तविक लोकेशन के वास्तविक स्थान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, और गृह मंत्रालय ने प्रक्षेपण सॉफ्टवेयर के जरिए पहचाने गए 12 साइबर क्राइम हॉटस्पॉट के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि प्रतिबिंब सॉफ्टवेयर के लॉन्च होने के बाद ये देखा गया है कि कुछ अपराधी निगरानी के दौरान अपना स्थान बदल रहे थे, और ऐसे में साइबर अपराधियों की लोकेशन को लगातार ट्रैक करना मुश्किल होता जा रहा है.
अधिकारी के अनुसार साइबर अपराधियों को लगातार पकड़ने के लिए झारखंड और हरियाणा को टारगेट किया गया है. साइबर अपराधियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने सबसे बड़ा अभियान चलाया था, और इस दौरान लगभग 42 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. दरअसल गिरफ्तार किए गए अधिकतर अपराधी राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध की वारदातों में शामिल थे. पुलिस ने इनके पास से 50 फोन, फर्जी आधार कार्ड, 90 सिम, कैश और एटीएम कार्ड भी बरामद किया है.
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