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पाकिस्तान में इंटरनेट न चलने से लोग परेशान, सरकार का कहना 3 महीने इंतज़ार करो

पाकिस्तान इंटरनेट स्पीड के मामले में 111 देशों में 100वें और ब्रॉडबैंड स्पीड में 158 देशों में 141वें स्थान पर है। अब हालात और बिगड़ने का कारण सरकार द्वारा 'नेशनल इंटरनेट फायरवॉल' का इंस्टॉलेशन बताया जा रहा है।

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  • December 16, 2024 12:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में पहले से ही पिछड़े पाकिस्तान की स्थिति अब और खराब हो गई है। पिछले कुछ हफ्तों से देशभर में इंटरनेट स्लोडाउन की समस्या बनी हुई है। इससे लोगों को न सिर्फ फाइल शेयर करने में परेशानी हो रही है बल्कि डाउनलोडिंग भी लगभग नामुमकिन हो गई है। व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग टेक्स्ट मैसेज तो भेज पा रहे हैं, लेकिन फोटो और वीडियो डाउनलोड करने में मुश्किलें आ रही हैं। यहां तक कि मोबाइल इंटरनेट के साथ-साथ वाई-फाई सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

क्यों बिगड़े हालात

पाकिस्तान इंटरनेट स्पीड के मामले में 111 देशों में 100वें और ब्रॉडबैंड स्पीड में 158 देशों में 141वें स्थान पर है। अब हालात और बिगड़ने का कारण सरकार द्वारा ‘नेशनल इंटरनेट फायरवॉल’ का इंस्टॉलेशन बताया जा रहा है। यह सिस्टम चीन से आयातित है और इसे इंटरनेट ट्रैफिक को नियंत्रित और मॉनिटर करने के लिए लागू किया जा रहा है। इसके तहत सरकार सर्वर पर विशेष हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर स्थापित कर रही है, जो डिजिटल गेटकीपर के रूप में काम करेगा। इस सिस्टम को इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों के सर्वर पर भी लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य डिजिटल कम्युनिकेशन पर निगरानी रखना और आवश्यकतानुसार इंटरनेट की गति को नियंत्रित करना है।

Low internet speed in Pakistan

सुधार में लगेंगे तीन महीने

पाकिस्तान सॉफ्टवेयर हाउसेस एसोसिएशन के प्रमुख सज्जाद मुस्तफा सईद ने बताया कि इंटरनेट की धीमी गति की समस्या को ठीक करने में तीन महीने का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि अगर व्हाट्सऐप पर सिर्फ टेक्स्ट मैसेज मिल रहे हैं और फोटो डाउनलोड नहीं हो रही है, तो इसका मतलब है कि मॉनिटरिंग प्रक्रिया जारी है।

अपग्रेड हो रहा सिस्टम

सरकार ने पुष्टि की है कि वह ‘वेब मैनेजमेंट सिस्टम’ को अपग्रेड कर रही है। इसके लिए जुलाई और अगस्त में ट्रायल किए गए थे। इन ट्रायल्स के दौरान भी इंटरनेट स्पीड पर असर पड़ा था, लेकिन तब इसकी वजह नहीं बताई गई थी। अब सरकार का कहना है कि इस नई प्रणाली से इंटरनेट ट्रैफिक पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा, हालांकि आम जनता को इसके चलते कई महीनों तक इंतज़ार करने के साथ-साथ असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

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