नई दिल्ली: भारत में साइबर अपराधी लगातार आम जनता को अपना शिकार बना रहे हैं। एनजीओ प्रहार द्वारा जारी की गई ‘द इनविजिबल हैंड रिपोर्ट’ में इस बढ़ते खतरे पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर साइबर हमलों को तुरंत नहीं रोका गया, तो 2033 तक इनकी संख्या इतनी बढ़ जाएगी जिन्हें रोकना मुश्किल हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा कि 2033 तक साइबर हमलों की संख्या सालाना 1 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2047 में जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक साइबर हमलों की संख्या हर साल 17 लाख करोड़ तक पहुंचने की आशंका है। वहीं इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक मजबूत साइबर सिक्योरिटी सिस्टम का होना बेहद ज़रूरी है। एनजीओ प्रहार के अध्यक्ष अभय मिक्षा ने बताया कि वर्तमान में साइबर हमले दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रोफेशनल हैकरों द्वारा किए जाने वाले हमले, जो सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। वहीं दूसरा इससे की ज्यादा खतरनाक हमला हैं, जिनमें राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए लोगों को हेरफेर, जबरदस्ती या धमकियों के माध्यम से भर्ती किया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारत में 7.9 करोड़ से अधिक साइबर हमले हुए, जिससे भारत हमलों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। इनमें पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। 2024 की पहली तिमाही में ही साइबर हमलों की संख्या 50 करोड़ से अधिक दर्ज की गई है. साइबर अपराधों के कारण इस वर्ष की शुरुआत में भारतीयों को 1750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जिसमें 7 लाख 40 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अवैध सट्टेबाजी एप पर भी साइबर हमलों का सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा है, जो इस खतरे को और बढ़ा रहा है। वहीं अगर इस स्थिति पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया गया, तो भविष्य में इससे और गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
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