भारत की घरेलू वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी पेटीएम ने अपने यूजर्स को आश्वस्त किया है कि उनके पैसे और खाते पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं है. कंपनी ने अपने लाखों यूजर्स को आधिकारिक हैंडल से ट्वीट के जरिये आश्वस्त करते हुए कहा, आपका सारा पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है, और आप अपने पेटीएम ऐप का उपयोग सामान्य रूप से जारी रख सकते हैं तथा ऐप पर उपलब्ध सेवाओं का आनंद ले सकते हैं.
नई दिल्ली: उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड प्रमोशन के लिए प्ले स्टोर से पेटीएम को हटाना अपनी बात मनवाने का गूगल का एक तरीका है. पेटीएम, भारत की घरेलू वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी, ने अपने यूजर्स को आश्वस्त किया है कि उनके पैसे और खाते पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं है. कंपनी ने अपने लाखों यूजर्स को आधिकारिक हैंडल से ट्वीट के जरिये आश्वस्त करते हुए कहा, आपका सारा पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है, और आप अपने पेटीएम ऐप का उपयोग सामान्य रूप से जारी रख सकते हैं तथा ऐप पर उपलब्ध सेवाओं का आनंद ले सकते हैं. कंपनी ने अपने वॉलेट, बैंकिंग, गोल्ड और यूपीआई सेवाओं को सुरक्षित करने और इनके सामान्य संचालन को भी सुनिश्चित किया है.
शुक्रवार को एक मनमाना कदम उठाते हुए गूगल ने यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड के प्रमोशन के कारण पेटीएम को अपने प्ले स्टोर से अस्थायी रूप से हटा दिया था. पेटीएम ने हाल ही में यूजर्स के लिए क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को और मजबूत करने तथा कैशबैक प्रदान करने के लिए अपने ऐप पर ‘पेटीएम क्रिकेट लीग’ शुरू किया था. यह खेल यूजर्स को प्रत्येक लेनदेन के बाद प्लेयर स्टिकर प्राप्त करने, उन्हें इकट्ठा करने और पेटीएम कैशबैक जीतने का अवसर प्रदान करता है. गूगल ने पेटीएम के कैशबैक आॅफर द्वारा प्ले स्टोर के गैम्बलिंग के नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर इसे अपने ऐप स्टोर से हटा दिया था.
हालाँकि, पेटीएम ने कहा कि कैशबैक देना बिजनेस में एक मानक व्यवस्था है, जिसे गूगल-पे सहित सभी कंपनियां व्यवहार में लाती है. इस अमेरिकी टेक कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करोड़ों का कैशबैक दिया है. नोएडा स्थित पेटीएम देश का सबसे बड़ा भुगतान ऐप है और यह गूगल-पे को कड़ी प्रतिस्पर्धा देता है.
गूगल द्वारा अनुचित कदम उठाकर अपने प्रतिद्वंद्वी को रोकने के इस निर्णय के खिलाफ पेटीएम को चारों ओर से समर्थन मिला है. कई कंपनियों के अंदरूनी सूत्रों, विशेषज्ञों और पत्रकारों ने गूगल के इरादे को गलत बताया और कहा कि एक देश के रूप में भारत को ऐसे बडे़ तकनीकी दिग्गजों के सामने भी नहीं झुकना चाहिए.