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Look Back 2024 : NCPI चार नए देशों में लॉन्च करेगा UPI, डिजिटल भुगतान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा

UPI ने इस साल जनवरी से नवंबर तक 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य हासिल किया है। यह आंकड़ा साफ तौर पर दर्शाता है कि UPI का चलन कितना बढ़ रहा है। वहीं, वर्ष 2025 तक कुछ और देशों में UPI लाने की योजना है।

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Unified Payments Interface
  • December 20, 2024 11:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 hours ago

नई दिल्ली : भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस तकनीक आने से पेमेंट के तरीकों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। साल 2024 इस क्षेत्र में भारत के लिए बड़ी उपलब्धि लेकर आया है। अब NCPI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) चार और देशों में UPI लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। जिसमें कतर, थाईलैंड और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश शामिल हैं।

कुल सात देशों में उपलब्ध

यह सुविधा फिलहाल भारत समेत कुल सात देशों के लिए उपलब्ध है। इसमें भारत के अलावा भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और फ्रांस शामिल हैं। यहां इन अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए BHIM, PhonePe, Paytm और Google Pay जैसे 20 ऐप की अनुमति है। UPI ने इस साल जनवरी से नवंबर तक 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य हासिल किया है। यह आंकड़ा साफ तौर पर दर्शाता है कि UPI का चलन कितना बढ़ रहा है। वहीं, वर्ष 2025 तक कुछ और देशों में यूपीआई लाने की योजना है।

यूपीआई भुगतान की तैयारी

यूपीआई भुगतान को लेकर कई देश भारत से बातचीत कर रहे हैं। पेरू, नामीबिया और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों के सहयोग से यूपीआई भुगतान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे हैं।

 लेनदेन को बढ़ावा देना

विदेशी देशों के साथ डिजिटल भुगतान को सुगम बनाने के लिए भारत के व्यापक उद्देश्य हैं। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में विदेशी देशों के लिए UPI भुगतान की अनुमति से P2P (पीयर-टू-पीयर) और P2M (पीयर-टू-मर्चेंट) लेनदेन में वृद्धि होगी।

इसके लिए एनआईपीएल ठोस रणनीति के तहत कदम उठा रहा है। द्विपक्षीय और अन्य बहुपक्षीय समझौतों में BIS (बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स) का प्रोजेक्ट नेक्सस शामिल है। इसे भारत, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड के केंद्रीय बैंकों के सहयोग से विभिन्न देशों की त्वरित भुगतान प्रणालियों को भारत के यूपीआई भुगतान से जोड़ने का प्रयास माना जा रहा है।

 

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