Mark Zuckerberg Libra Cryptocurrency Testimony: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की वित्तीय समिति के सामने पेश हुए फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी चलेगी या नहीं. जकरबर्ग के इस बयान के बाद लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी की फेसुबक की योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट फेसबुक की योजना एक डिजिटल मुद्रा लिब्रा को पेश करने की है. इसे लेकर उसे अमेरिका और यूरोप के विधि निर्माताओं और नियामकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
Mark Zuckerberg Libra Cryptocurrency Testimony: फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अमेरीकी प्रतिनिधि सभा की वित्तीय समिति के सामने चौंकाने वाली बात कही है. मार्क जकरबर्ग ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की वित्तीय समिति के सामने कहा कि उन्हें नहीं पता कि लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी चलेगी या नहीं. जकरबर्ग के इस बयान के बाद लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी की फेसुबक की योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल अमेरिकी प्रतिनिधि सभी की वित्तीय सेवा समिति द्वारा समन किए गए जकरबर्ग ने बुधवार को यह बयान जारी किया है. वह बुधवार को दूसरी बार अमेरिका की कांग्रेस के समक्ष पेश हुए हैं.
इससे पहले मार्क जकरबर्ग निजता संबंधी एक मामले में अप्रैल 2018 में अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश हुए थे. मालूम हो कि दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट फेसबुक की योजना एक डिजिटल मुद्रा लिब्रा को पेश करने की है. इसे लेकर फेसबुक को अमेरिका और यूरोप में नियामकों और कानून के निर्माताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
अपने बयान में फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने कहा कि जब हम इन मुद्दों पर वाद विवाद कर रहे होंगे, तब सारी दुनिया इंतजार नहीं कर रही होगी. चीन आने वाले महीनों में इसी तरह की मुद्रा जारी करने पर तेजी से काम कर रहा है. लिब्रा को डॉलर का समर्थन प्राप्त होगा. मेरा मानना है कि यह दुनिया में अमेरिका के वित्तीय दबदबे के साथ हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को भी विस्तार देगी. अगर अमेरिका इसे शुरू नहीं करता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हमारा वित्तीय दबदबा बना रहेगा. बता दें कि फेसबुक की योजना लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी को वर्ष 2020 में पेश करने की है. वहीं अमेरिका और यूरोप के विधि निर्माता और नियामक इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं.
इसके अलावा जकरबर्ग अमेरिकी कांग्रेस के सामने अपर्याप्त निजता, घृणा फैलाने वाले या गलत जानकारी देने वाले संदेशों को हटाने इत्यादिए से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए भी पेश हुए थे. कंपनी की सपूर्ण नीतियां और कामकाज का तरीका सरकार की जांच के दायरे में है. फेसबुक के दुनियाभर में करीब 2.5 अरब उपभोक्ता हैं. मौजूदा समय में फेसबुक को लगभग अपनी हर कोशिश के लिए सरकार, जनता और विधि निर्माताओं में से किसी ना किसी के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.