सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा अपने 3600 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। मेटा ने यह फैसला परफॉर्मेंस बेस्ड जॉब कट पॉलिसी के तहत लिया है। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इससे कंपनी के करीब 5% कर्मचारी प्रभावित होंगे।
नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा अपने 3600 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। मेटा ने यह फैसला परफॉर्मेंस बेस्ड जॉब कट पॉलिसी के तहत लिया है। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इससे कंपनी के करीब 5% कर्मचारी प्रभावित होंगे। सितंबर 2024 के डेटा के मुताबिक मेटा में करीब 72,000 कर्मचारी काम करते हैं।
कंपनी अमेरिका में काम कर रहे कर्मचारियों को 10 फरवरी तक इस फैसले की जानकारी दे सकती है। अमेरिका से बाहर काम कर रहे कर्मचारियों को बाद में सूचित किया जाएगा। इससे पहले 2023 में कंपनी ने करीब 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाला था।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों को एक मेमो में बताया कि कंपनी परफॉर्मेंस मैनेजमेंट प्रोसेस को तेजी से लाना चाहती है। जुकरबर्ग ने एक तकनीकी इलेक्ट्रॉनिक्स बोर्ड के साथ मिलकर एक नोट में कहा, ‘मेरे परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के बार को बढ़ाना और लो परफॉर्मेंस को जितनी जल्दी बाहर निकलने का फैसला किया गया है।’
जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी पिछले एक साल से अंडरपरफॉर्मेंस का सामना कर रही है। लेकिन अब बड़ी छंटनी का समय आ गया है। ‘हम आम तौर पर उन लोगों को निकाल देते हैं जो एक साल के दौरान उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते।’
छंटनी के साथ-साथ मेटा 2025 में लोगों की भूमिका बदलने की भी योजना बना रही है ताकि वह भविष्य के विकास और इनोवेशन के लिए खुद को तैयार कर सके। आने वाले साल में कंपनी का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), स्मार्ट ग्लास और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विकसित करने जैसे सेक्टर पर रहेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट भी खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि माइक्रोसॉफ्ट ने कितने लोगों को नौकरी से निकाला है।
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के गोल्ड प्लेटेड नेकलेस की नीलामी हो रही है। यह चेन सोने की वर्मेल से बनी 6.5 एमएम की क्यूबन नेकलेस है। अब तक इस पर 40 हजार डॉलर (करीब 34 लाख रुपये) से ज्यादा की बोलियां लग चुकी हैं।
इस चेन की नीलामी यूनिक फंड रेजिंग की रणनीति के तहत की जा रही है। इस नीलामी से मिलने वाले फंड को इनफ्लेक्शन ग्रांट्स के खाते में भेजा जाएगा, जो एक परोपकारी पहल है। इस पहल के तहत यह संस्था जादुई रूप से अजीबोगरीब प्रोजेक्ट पर काम करने वाले लोगों को 2000 डॉलर का अनुदान देती है। इन अनुदानों का उद्देश्य क्रिएटिविटी को बढ़ावा देना है।
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