Lok Sabha elections 2024: OpenAI ने किए कई नीतिगत बदलाव, चुनाव में नहीं किया जा सकेगा एआई का इस्तेमाल

नई दिल्ली। ओपनएआई (Open AI) द्वारा अपनी जेनरेटिव एआई-आधारित तकनीकों जैसे चैटजीपीटी, डैल-ई और अन्य को आगामी चुनावों के दौरान ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया’ (Lok Sabha elections 2024) को कमजोर बनाने से रोकने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं। खास तौर से अमेरिका, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में जहां […]

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Lok Sabha elections 2024: OpenAI ने किए कई नीतिगत बदलाव, चुनाव में नहीं किया जा सकेगा एआई का इस्तेमाल

Sachin Kumar

  • January 17, 2024 7:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली। ओपनएआई (Open AI) द्वारा अपनी जेनरेटिव एआई-आधारित तकनीकों जैसे चैटजीपीटी, डैल-ई और अन्य को आगामी चुनावों के दौरान ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया’ (Lok Sabha elections 2024) को कमजोर बनाने से रोकने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं। खास तौर से अमेरिका, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में जहां इस साल चुनाव होने हैं।

OpenAI के तरफ से दी गई जानकारी

दरअसल, नए अपडेट्स के विषय में जानकारी देते हुए, OpenAI ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे AI सिस्टम का सुरक्षित रूप से निर्मित, तैनात और उपयोग किया जाए। किसी भी नई तकनीक की तरह, ये उपकरण लाभ और चुनौतियों के साथ आते हैं। जैसा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में 2024 में चुनावों की तैयारी कर रहे हैं, हमारा पॉइंट ऑफ़ व्यू सटीक मतदान (Lok Sabha elections 2024) जानकारी को बढ़ाकर, मापी गई नीतियों को लागू करने और पारदर्शिता में सुधार करके अपने प्लेटफ़ॉर्म सुरक्षा कार्य को जारी रखना है।

वहीं सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाले स्टार्टअप का कहना है कि हम प्रासंगिक दुरुपयोग की आशंका और रोकथाम के लिए काम करते हैं। जैसे रि भ्रामक “डीपफेक”, बड़े पैमाने पर प्रभाव संचालन या उम्मीदवारों का प्रतिरूपण करने वाले चैटबॉट।

2024 के चुनावों से पहले OpenAI की नई नीति

ओपनएआई (Open AI) का कहना है कि वह अपनी तकनीक को राजनीतिक प्रचार (Lok Sabha elections 2024) और लॉबींग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देगा।साथ ही कंपनी उन चैटबॉट्स के निर्माण पर भी रोक लगा रही है जो वास्तविक लोगों (उम्मीदवारों) या स्थानीय सरकारों का दिखावा कर सकते हैं। जबकि, सैन फ्रांसिस्को स्थित एआई स्टार्टअप ने कहा कि वह उन अनुप्रयोगों को भी अनुमति नहीं देगा जो लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने से रोकेंगे। जैसे कि मतदाताओं को हतोत्साहित करना या योग्यता को गलत तरीके से प्रस्तुत करना।

ओपनएआई की घोषणा

ओपनएआई (Open AI) ने यह भी ऐलान किया है कि वह यूजर्स को डैल-ई से जेनरेट इमेजेस का पता लगाने में सहायता करने के लिए एक प्रोवेंस क्लासिफायर लागू करेगा। उसका नया टूल जल्द ही पत्रकारों और शोधकर्ताओं सहित परीक्षकों के पहले समूह के लिए उपलब्ध होगा।

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