नई दिल्ली: आधुनिक तकनीक की रफ्तारी से दुनिया में नए-नए बदलाव और उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। इसी तकनीकी विकास के दौर में एक नई चुनौती खड़ी हो गई है कि क्या रोबोट हमारे समाज और रिश्तों का हिस्सा बन सकते हैं? इसी सवाल पर अब एक विशेष अध्ययन के द्वारा जांच की जा रही है। […]
नई दिल्ली: आधुनिक तकनीक की रफ्तारी से दुनिया में नए-नए बदलाव और उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। इसी तकनीकी विकास के दौर में एक नई चुनौती खड़ी हो गई है कि क्या रोबोट हमारे समाज और रिश्तों का हिस्सा बन सकते हैं? इसी सवाल पर अब एक विशेष अध्ययन के द्वारा जांच की जा रही है। आइए जानते है उस जांच में क्या-क्या बातें सामने आई है.
अमेरिकी राज्य जॉर्जिया के अटलांटा शहर में स्थित जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रोबोटिक्स विशेषज्ञ रोनाल्ड आर्किन के अनुसार, आने वाले 30 वर्षों में रोबोटिक तकनीक में इतनी वृद्धि होगी कि मानव-रोबोट के बीच संबंध सामान्य हो जाएंगे। वहीं उनका यकीन है कि रोबोट हमारे साथ काम करने के साथ-साथ, देखने में और स्वभाव में इतने मानव जैसे होंगे कि लोग उनसे प्यार करने लगेंगे और उनके साथ जुड़ने और शारीरिक संबंध बनाने में भी झिझकेंगे नहीं।
रिपोर्ट में इस विचार को विश्लेषित किया गया है कि आने वाले समय में रोबोट हमारे सहकर्मी बन सकते हैं और शायद ही दोनों के काम और अनुभव का अंतर किसको पता चले। अध्ययन के अनुसार अगरह्यूमनॉइड एआई रोबोट कृषि, उद्योग, पशुपालन, निर्माण, होटलों और रेस्टोरेंटों में खाना बनाने और परोसने, घरेलू कामकाज, बच्चों की देखभाल और मनोरंजन जैसे कार्य कर सकते हैं, तो क्या भविष्य में वे पति या पत्नी की भूमिका भी निभा सकते हैं? हालांकि इस पर विशेषज्ञों की राय अगल-अगल है।
समाजशास्त्री इस विचार से सहमत नहीं हैं कि रोबोट हमारे असली और इंसानी रिश्तों की पूरी तरह से रिप्लेस कर सकते हैं। बता दें उनके मुताबिक इंसानी रिश्तों की मूल बुनियाद आत्मीयता होती है और जिसके बाद ही इंसानी रिश्तों की इमारत खड़ी हो पाती है। रोबोट यह आत्मीयता और परिवारिक सुख नहीं बना सकते हैं।
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