नई दिल्ली : भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नई कार्बन नैनोट्यूब (CNTS) तकनीक विकसित की है. इससे बहुउद्देशीय बैटरियों का उत्पादन संभव हो जाता है, और ये तकनीक ऊर्जा अनुसंधान, बायोमेडिसिन, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए उपयोगी हो सकती है. बता दें कि कार्बन नैनोट्यूब के असाधारण गुण उन्हें आधुनिक प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए […]
नई दिल्ली : भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नई कार्बन नैनोट्यूब (CNTS) तकनीक विकसित की है. इससे बहुउद्देशीय बैटरियों का उत्पादन संभव हो जाता है, और ये तकनीक ऊर्जा अनुसंधान, बायोमेडिसिन, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए उपयोगी हो सकती है. बता दें कि कार्बन नैनोट्यूब के असाधारण गुण उन्हें आधुनिक प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं. इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे सेकेंडरी बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, पारदर्शी इलेक्ट्रोड, टच स्क्रीन और चिकित्सा आपूर्ति में किया जा सकता है.
ये तकनीक इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी स्टडीज (आईएएसटी) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई थी. उनका कहना है कि ये विधि इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर पैनलों के लिए अधिक ऊर्जा संग्रहीत कर सकती है. बता दें कि शोधकर्ताओं ने 750 डिग्री सेल्सियस पर ग्लास सब्सट्रेट पर सीधे सीएनटी को संश्लेषित करने के लिए इस विधि को विकसित किया है.
बता दें कि भारतीय शोधकर्ताओं ने कार्बन नैनोट्यूब्स (सीएनटीएस) संबंधी एक नई तकनीक विकसित की है. दरअसल इसके द्वारा एक ऐसी बैटरी बनाई जा सकती है जो की बहुआयामी होगी.
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