UPI Payment के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को छोड़ा पीछे

नई दिल्ली: डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है. वहीं भारत भी इस दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। इसी बीच यह खबर सामने आई है भारत ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई के मामले में भारत ने अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. चीन के Alipay और अमेरिका के PayPal जैसे बड़े प्लेटफार्मों को कड़ी टक्कर देते हुए, भारत के यूपीआई ने इनको पछाड़ दिया है।

 

करीब 3,729.1 लेनदेन

बता दें, अप्रैल से जुलाई 2024 के बीच भारत में लगभग 81 लाख करोड़ रुपये का यूपीआई लेनदेन हुआ, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक माना जा रहा है। ग्लोबल पेमेंट हब पेसिक्योर की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई पेमेंट के लेनदेन में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, जानकारी के अनुसार हर एक सेकेंड में करीब 3,729.1 लेनदेन दर्ज किए गए हैं. इसके मुताबिक भारत ने 2022 के मुकाबले 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

जुलाई में 20.6 लाख करोड़

पेसिक्योर के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में दुनिया भर में 117.6 मिलियन यूपीआई पेमेंट किए गए। वहीं जुलाई 2024 में ही 20.6 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जो एक महीने में दर्ज किया गया सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके अलावा यूपीआई ने लगातार तीन महीनों में 20 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। भारत में डिजिटल पेमेंट के लेनदेन के कारण, लगभग 40 प्रतिशत से अधिक भुगतान डिजिटल माध्यम से किए जा रहे हैं. वहीं इसमें ज्यादातर पेमेंट्स यूपीआई के ज़रिए किये जा रहे है.

सीईओ दिलीप असबे

एनपीसीआई के सीईओ दिलीप असबे के अनुसार, आने वाले 10 वर्षों में यूपीआई का आंकड़ा 100 बिलियन को पार कर सकता है। यूपीआई अब न केवल भारत में, बल्कि संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया जैसे देशों में भी अपनी पहुंच बना रहा है।

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