नई दिल्ली: तमिलनाडु में एक सरकारी डॉक्टर से 76.5 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह मामला उस समय शुरू हुआ जब डॉक्टर ने यूट्यूब पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें शेयर बाजार में निवेश के जरिए तेजी से पैसा कमाने का तरीका बताया गया था। उस विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद […]
नई दिल्ली: तमिलनाडु में एक सरकारी डॉक्टर से 76.5 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह मामला उस समय शुरू हुआ जब डॉक्टर ने यूट्यूब पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें शेयर बाजार में निवेश के जरिए तेजी से पैसा कमाने का तरीका बताया गया था। उस विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद डॉक्टर को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां कुछ लोग खुद को अनुभवी निवेशक बताकर निवेश के टिप्स देने लगे।
डॉक्टर, जो कि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर भी हैं, धीरे-धीरे इन लोगों की बातों पर विश्वास करने लगे। शुरुआत में इस व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों ने उन्हें शेयर बाजार में निवेश के टिप्स बताए और डॉक्टर को निवेश करने के लिए प्रेरित किया। बता दें इस ग्रुप को एक व्यक्ति दिवाकर सिंह चला रहा था, जो खुद को विशेषज्ञ निवेशक बताता था और शेयर खरीदने-बेचने के सुझाव देता था। धीरे-धीरे डॉक्टर ने इस ग्रुप की बातों में आकर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट भी बना लिया।
ग्रुप के लोगों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके निर्देशों का पालन करने पर उन्हें भारी लाभ पहुंचेगा। धोखेबाजों ने बड़े-बड़े शेयरों का नाम लेकर 30% तक के मुनाफे का झांसा दिया, जिसके चलते डॉक्टर ने तीन हफ्तों के भीतर 76.5 लाख रुपये निवेश कर दिए।
जब डॉक्टर ने अपने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें बताया गया कि उन्हें 50 लाख रुपये और जमा करने होंगे। इस पर डॉक्टर को शक हुआ और उन्होंने महसूस किया कि उनके साथ धोखा हुआ है। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
पुलिस और साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन विज्ञापनों से सतर्क रहें जो जल्दी पैसा कमाने का लालच देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी अनजान ग्रुप में अपनी बैंक जानकारी साझा करने से बचें।
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