नई दिल्ली। ऑफिस में लंबी सिटिंग आज कल आम बात हो गई है। बता दें , चाहे दफ्तर हो या रिमोट वर्किंग, लोग 8 घंटे तक गतिहीन होकर एक ही जगह बैठ के काम कर रहे है । जानकारी के मुताबिक , लंबे समय तक बैठे रहने का असर लोगों के दिमाग पर ज़्यादा पड़ता […]
नई दिल्ली। ऑफिस में लंबी सिटिंग आज कल आम बात हो गई है। बता दें , चाहे दफ्तर हो या रिमोट वर्किंग, लोग 8 घंटे तक गतिहीन होकर एक ही जगह बैठ के काम कर रहे है । जानकारी के मुताबिक , लंबे समय तक बैठे रहने का असर लोगों के दिमाग पर ज़्यादा पड़ता है । इससे याददाश्त भी कमजोर होती है, जिससे कई बार आप कई जरूरी बातें भी भूल जाते हैं , जो आपको याद रखनी होती है।
बता दें , हाल ही में हुए एक रिसर्च में सामने आया कि ऐसे लोगों को दिन में करीब 3 घंटे तक खड़े रहना जरूरी है , जो की 8 से 9 घंटे तक बैठ के काम करते है। इससे आपको लंबा जीवन जीने में मदद मिलती है। रिपोर्ट के अनुसार खड़े रहने से ब्लड में शुगर का स्तर भी कम होता है। इसके अलावा दिल की बीमारी का जोखिम भी काफी कम हो जाता है और उन लोगों की तुलना में कम तनाव और थकान रहती है , जो 8 घंटे या उससे ज्यादा समय तक बैठे रहते हैं और काम करते रहते है। एक रिसर्च बताती हैं कि लगातार बैठे रहने से समय के साथ मानसिक स्वास्थ्य और याददाश्त पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। जानकारी के मुताबिक , खड़े होने से न्यूरल एजिंग के मुद्दों से लड़ने में मदद मिलती है।
इसके साथ ही लंबे समय तक बैठने से शरीर के सभी हिस्सों में रक्त का संचार भी प्रभावित होता है। बता दें , मस्तिष्क में रक्त का संचार ठीक ढंग से न होने पर दिमाग की कोशिकाओं में ऑक्सीजन व पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। हालंकि लंबे समय तक एक जगह पर टिककर बैठे रहने से यह पूरी प्रक्रिया तभी प्रभावित होती है। इसका असर हमारे पैरों पर भी काफी पड़ता है।
गौरतलब है कि , दिमाग की अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को हर आधे घंटे में दो मिनट के लिए जरूर उठकर टहलना चाहिए। बता दें ,ऐसा करने से दिमाग में रक्त का संचार अच्छे से होता है । इस से ब्रेन व्यक्ति को चीजों की पहचान कराने में मदद करता है और याददाश्त को भी बढ़ता है ।
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