नई दिल्ली: आज के समय में सभी ने मोबाइल जैमर के बारे में तो खूब सुना होगा और इन्हें कई स्थानों पर लगाया भी गया है. इस कारण वहां लोगों को मोबाइल नेटवर्क नहीं मिल पाते। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये जैमर कैसे काम करते हैं? आइए जानते है. मोबाइल के सिग्नल ब्लॉक […]
नई दिल्ली: आज के समय में सभी ने मोबाइल जैमर के बारे में तो खूब सुना होगा और इन्हें कई स्थानों पर लगाया भी गया है. इस कारण वहां लोगों को मोबाइल नेटवर्क नहीं मिल पाते। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये जैमर कैसे काम करते हैं? आइए जानते है.
मोबाइल जैमर एक विशेष प्रकार की फ्रीक्वेंसी छोड़ते हैं जो मोबाइल के सिग्नल को ब्लॉक करती है। जैसे किसी पावर सोर्स से फ्रीक्वेंसी उत्पन्न होने पर हम मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं, उसी प्रकार जैमर भी एक फ्रीक्वेंसी उत्पन्न करते हैं। ये फ्रीक्वेंसी मोबाइल सिग्नल को न्यूट्रलाइज कर देती है, जिससे मोबाइल कम्युनिकेशन रुक जाता है। बता दें इस तकनीक से सिर्फ मोबाइल ही नहीं, बल्कि किसी भी टारगेटेड बैंड में कम्युनिकेशन बंद हो सकता है, चाहे वह पुलिस का वॉकी-टॉकी हो या फिर डिफेंस का वायरलेस नेटवर्क। वहीं इससे सुरक्षा संस्थाओं का भी संचार प्रभावित हो सकता है।
मोबाइल जैमर रिसीवर नहीं बल्कि एक प्रकार के एमिटर होते हैं। बता दें ये डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी को एमिट करते हैं और इन्हें विभिन्न फ्रीक्वेंसी बैंड्स के अनुसार एडजस्ट किया जा सकता है। जैसे कि मोबाइल कम्युनिकेशन, जो GSM बैंड पर काम करता है, उसकी फ्रीक्वेंसी अलग होती है। वहीं पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा संस्थानों के उपकरणों की फ्रीक्वेंसी भी अगल होती है। इस कारण हाई टेक्नोलॉजी वाले जैमर में मल्टीपल फ्रीक्वेंसी की सुविधा भी होती है, जिससे वे एक साथ कई बैंड्स पर प्रभाव डाल सकते हैं।
भारत में मोबाइल जैमर की बिक्री और उपयोग को लेकर काफी सख्त नियम हैं। बता दें केबिनेट सेक्रेटेरिएट के निर्देशों के अनुसार, किसी भी प्राइवेट व्यक्ति या संस्था को जैमर का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। इसका इस्तेमाल केवल सरकारी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए लाइसेंस के तहत किया जा सकता है। भारत में सिर्फ दो सरकारी कंपनियों को ही इसे बनाने और वितरित करने का अधिकार है।
जैमर का उपयोग जनता के लिए बड़े खतरे का कारण बन सकता है। त्योहारों के समय, जब बाजारों में भीड़ होती है, उस दौरान मोबाइल नेटवर्क ठप हो जाए, तो लोग अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पाएंगे। वहीं इस कारण मोबाइल बैंकिंग भी बंद हो जाएगी, जिससे लोग खरीदारी के दौरान डिजिटल पेमेंट नहीं कर सकेंगे। इस तरह मोबाइल जैमर तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है अगर इसका गलत जगह या गलत समय पर उपयोग किया जाएं।
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