Google: कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया यानी कि CCI ने Google पर ₹1,338 करोड़ का भारी जुर्माना लगाया है. Google दुनिया में सर्च फैसिलिटी देने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CCI ने Google पर ये जुर्माना अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए लगाया है.
इससे पहले हम आपको पूरी खबर बताएं आइये ये जान लेते हैं कि CCI यानी कि कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया क्या है? और ये कैसे काम करता है.
आपको बता दें, CCI का मतलब Competition Commission of India होता है. इसे हिंदी में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के नाम से जाना जाता है. भारत सरकार ने इस कमीशन की स्थापना साल 2003 में की थी. CCI को उस समय लाया गया था जब देश के प्रधानमंत्री वाजपेयी जी थे।
अब आपको बताते हैं कि CCI किस तरह से काम करती है. CCI का मुख्य उद्देश्य देश की सरकार से मिलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉम्पिटिशन को बनाए रखना है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि CCI देश-विदेश के बाजारों का माहौल और उनमें हो रहे कॉम्पिटिशन को सुनिश्चित करती है.
• बाजारों में प्रतिस्पर्धा यानी कि कॉम्पिटिशन के चाल चलन को बढ़ावा देना।
• इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों को रोकने की कोशिश करना।
• customers के हितों की रक्षा करना व उनके सुझावों पर फैसला लेना ।
अब आपको CCI समझ आ गया होगा। तो आइये इस खबर में हम आगे ये जानते हैं कि CCI ने आखिर क्यों Google जैसी प्रतिष्ठित कंपनी पर इतना भारी जुर्माना लगाया।
CCI ने को Google को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोककर उन्हें खत्म करने का आदेश दिया है. आयोग ने आज Google को आधिकारिक तौर पर कहा कि एक निश्चित समय-सीमा के भीतर Google को अपने कामकाज के तरीके को फिर से संशोधित करने की आवश्यकता है.
CCI ने अपने ऑफिशियल Twitter अकॉउंट पर पोस्ट करके मामले की जानकारी दी है. आपको बता दें पोस्ट में क्या लिखा गया है? इस पोस्ट में लिखा गया है कि ” Android Mobile Device Ecosystem के कई बाजारों में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए Google पर जुर्माना लगाया गया है.” आइये अब आपको इसे बेहद ही आसान तरीके से समझाते हैं,
सबसे पहले आपको ये बता दें कि Google, Android सिस्टम को ऑपरेट करता है. अब ज़रा आप ये बताइये कि क्या अपने इस बात पर गौर किया है कि जब भी आप कोई Android फ़ोन खरीदते हैं तो इसमें आपको Google प्री-इंस्टॉल यानी कि पहले से ही इंस्टॉल मिलता है. जी हां, सिर्फ Google ही नहीं इसके साथ आपको Chrome browser भी पहले से इंस्टॉल मिलता है. ऐसा करके Google साफ़ तौर पर पक्षपात (Bias) कर रहा है.
एक आम आदमी के Android डिवाइस में जब पहले से ही Google इंस्टॉल करके दिया जाता है तो जाहिर तौर पर उसके पास अन्य ऑप्शन मौजूद नहीं रह जाते है. व्यक्ति न चाहते हुए भी Google को प्राथमिकता देता है. इतना ही नहीं Google अपने एक अन्य ऐप YouTube के लिए भी ऐसा ही करता है. ऐसे में आम आदमी ही नहीं बल्कि अन्य प्रतियोगी इस सेवा का समान स्तर से लाभ नहीं उठा पाते। इस तरह की अनुचित कारोबारी गतिविधियों (Unfair Business Practices) को रोकने और बंद करने का आदेश देते हुए CCI ने Google पर तगड़ा जुर्माना लगाया है.
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