iPhone को हैक करना हुआ मुश्किल, हैकर्स और पुलिस दोनों ढूंढते रह जाएंगे!

नई दिल्ली : प्राइवेसी और सिक्योरिटी के मामले में Apple ने एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई है। हाल ही में कंपनी ने iPhone में नया ‘इनएक्टिविटी रीबूट’ फीचर जोड़ा है, जिससे चोरों और सुरक्षा अधिकारियों के लिए फोन को हैक करना और उसमें सेंध लगाना और भी मुश्किल हो जाएगा। नए अपडेट के बाद […]

Advertisement
iPhone को हैक करना हुआ मुश्किल, हैकर्स और पुलिस दोनों ढूंढते रह जाएंगे!

Manisha Shukla

  • November 11, 2024 10:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 week ago

नई दिल्ली : प्राइवेसी और सिक्योरिटी के मामले में Apple ने एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई है। हाल ही में कंपनी ने iPhone में नया ‘इनएक्टिविटी रीबूट’ फीचर जोड़ा है, जिससे चोरों और सुरक्षा अधिकारियों के लिए फोन को हैक करना और उसमें सेंध लगाना और भी मुश्किल हो जाएगा। नए अपडेट के बाद iPhone का लॉक तोड़ना आसान नहीं होगा।

iOS 18.1 के साथ आने वाले इस फीचर के तहत अगर आपका iPhone कुछ दिनों तक अनलॉक रहता है तो यह अपने आप रीबूट हो जाएगा। एक बार जब यह फिर से चालू हो जाता है तो डिजिटल फोरेंसिक टूल का इस्तेमाल करके डिवाइस को अनलॉक करना काफी मुश्किल हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने एक-दूसरे को चेतावनी दी थी कि उनके पास मौजूद iPhone अचानक से खुद ही रीबूट हो रहे हैं।

 

प्राइवेसी हुई मजबूत

Apple ने iPhone की प्राइवेसी को और भी मजबूत कर दिया है। iPhone पहले से ही अपनी मजबूत प्राइवेसी और सुरक्षा सुविधाओं के लिए मशहूर है। अब नए अपडेट के साथ एक इनएक्टिविटी टाइमर काम कर रहा है। यह टाइमर एक तय समय के बाद AFU कंडीशन में डिवाइस को BFU कंडीशन में रीबूट कर देता है।

AFU और BFU क्या हैं?

AFU का मतलब आफ्टर फर्स्ट अनलॉक होता है, यानी फोन एक बार अनलॉक हो चुका होता है। बिफोर फर्स्ट अनलॉक (BFU) तब होता है जब फोन एक बार भी अनलॉक नहीं हुआ होता है और इस लेवल पर iPhone में सेंध लगाना काफी मुश्किल होता है।

जांच एजेंसियों का किसके बीच टकराव

iPhone में इनएक्टिविटी रीबूट फीचर ऐसे समय में आया है जब सरकारी जांच अधिकारियों और स्मार्टफोन कंपनियों के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा है। जांच अधिकारी अपनी जांच में मदद के लिए जब्त डिवाइस से डेटा निकालना चाहते हैं। वहीं, Apple जैसे स्मार्टफोन ब्रांड खुद को दूसरी कंपनियों से अलग दिखाने के लिए लोगों की प्राइवेसी के गेटकीपर के तौर पर पेश करते हैं।

 

यह भी पढ़ें :-

Advertisement