iPhone की असली पैकेजिंग हाई क्वालिटी वाली होती है। इसमें हर जरूरी जानकारी के साथ बारकोड और QR कोड शामिल होता है। अगर बॉक्स पर ये नहीं हैं या गुणवत्ता में कमी दिखती है, तो फोन नकली हो सकता है।
नई दिल्ली: iPhone का स्टाइलिश डिजाइन और इसकी सिक्योरिटी इसे दुनिया भर में नंबर वन बनाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक Apple ने iPhones की बिक्री से 39 अरब अमेरिकी डॉलर का रेवेन्यू कमाया है। हालांकि इसकी बढ़ती डिमांड के साथ ही बाजार में नकली iPhones की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में ठगी से बचने के लिए नकली iPhones की पहचान करना बेहद जरूरी हो जाता है। आइए जानते है कि कैसे आप असली और नकली iPhone के बीच का फर्क पता लगा सकते है.
iPhone की असली पैकेजिंग हाई क्वालिटी वाली होती है। इसमें हर जरूरी जानकारी के साथ बारकोड और QR कोड शामिल होता है। अगर बॉक्स पर ये नहीं हैं या गुणवत्ता में कमी दिखती है, तो फोन नकली हो सकता है।
1. सीरियल नंबर: iPhone के सीरियल नंबर को सेटिंग्स, जनरल, अबाउट में जाकर देखें। इसे Apple की वेबसाइट Check Coverage पर दर्ज करें।
2. IMEI नंबर: अपने फोन पर #06# डायल करें और यह नंबर बॉक्स पर लिखे IMEI नंबर से मिलाएं। अगर दोनों नंबर अलग हैं, तो फोन नकली हो सकता है।
iPhones में iOS ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। सेटिंग्स, जनरल, सॉफ्टवेयर अपडेट पर जाकर iOS वर्जन चेक करें। इसके अलावा Siri को Hey Siri कहकर टेस्ट करें। अगर Siri रिप्लाई नहीं देती, तो यह फोन नकली हो सकता है। इसके अलावा iPhones में केवल Apple का App Store होता है। अगर फोन में Google Play Store या बाकी एप्लिकेशन स्टोर दिखाई देते है, तो वह नकली हो सकता है. इन आसान तरीकों से आप नकली और असली का फर्क पता लगा सकते है और धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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