नई दिल्ली. जब से एलन मस्क ने ट्विटर को टेकओवर किया है तब से इसमें कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इस समय टेक सेक्टर के कर्मचारी बहुत ही मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, अब ट्विटर के बाद एक और दिग्गज कम्पनी ने कर्मचारियों की छंटनी करनी शुरू कर दी है. दरअसल, फेसबुक […]
नई दिल्ली. जब से एलन मस्क ने ट्विटर को टेकओवर किया है तब से इसमें कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इस समय टेक सेक्टर के कर्मचारी बहुत ही मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, अब ट्विटर के बाद एक और दिग्गज कम्पनी ने कर्मचारियों की छंटनी करनी शुरू कर दी है. दरअसल, फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है, कंपनी का कहना है कि कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लागत में कटौती लाने के लिए किया गया है. कंपनी का कहना है कि नतीजे अच्छे नहीं आ रहे हैं जिस वजह से ऐसा किया जा रहा है, तिमाही के दौरान कंपनी की आय में तेजी से कमी है इसलिए अब इससे निपटने के लिए मेटा ने लागत में कटौती की योजना बनाई थी जिसके तहत आज ही 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की गई है.
इस संबंध में कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने आज एक ब्लॉग के जरिए कहा कि वो मेटा के इतिहास में अबतक का सबसे मुश्किल फैसला लेने जा रहे हैं. इस दिशा में कंपनी ने फैसला लिया है कि वो अपनी टीम का आकार 13 प्रतिशत घटाएगी और 11 हजार काबिल कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देगी, साथ ही जुकरबर्ग ने कहा कि वो कंपनी को पटरी पर लाने के लिए कई और ऐसे कदम उठाने जा रहे हैं, जिससे खर्चों को कम करना और लागत में कमी लाना शामिल है. इस दिशा में जुकरबर्ग ने कहा है कि वो इस फैसले की जिम्मेदारी लेते हैं और इसके साथ ही उन वजहों की भी जिम्मेदारी लेते हैं जिससे इस ठोस कदम को उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
फेसबुक के 18 साल के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी छंटनी है. इस छंटनी की पहली वजह मेटा की वर्चुअल रियलिटी कंपनी रियलिटी लैब्स को पिछली तिमाही में हुए 3.7 अरब डॉलर का नुकसान है, वहीं इसकी दूसरी वजह मेटा की स्टॉक ट्रेडिंग का निचले स्तर पर जाना है. बता दें अब तक मेटा का स्टॉक 2016 के बाद सबसे निचले स्तर पर है जबकि पिछले महीने इस कंपनी की वैल्यू 270 अरब डॉलर की रही वहीं पिछले साल कंपनी की वैल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा थी.
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