September 28, 2024
  • होम
  • टेक
  • Electronic Soil : वैज्ञानिकों का नया अविष्कार है ‘इलेक्‍ट्रॉनिक मिट्टी’?
Electronic Soil : वैज्ञानिकों का नया अविष्कार है ‘इलेक्‍ट्रॉनिक मिट्टी’?

Electronic Soil : वैज्ञानिकों का नया अविष्कार है ‘इलेक्‍ट्रॉनिक मिट्टी’?

  • WRITTEN BY: Sachin Kumar
  • LAST UPDATED : December 27, 2023, 8:38 pm IST

नई दिल्ली। इस समय दुनियाभर में आबादी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जबकि खेती के लिए उपलब्ध जमीनें कम पड़ती जा रही हैं। ऐसे में आने वाली पीढ़‍ी को भोजन के संकट का सामना ना करना पड़े, इसके लिए वैज्ञानिकों ने एक नया शोध किया है। उन्‍होंने ‘इलेक्‍ट्रॉनिक मिट्टी’ बनाई है, जिसे ‘ई-सॉइल’ कहा जा रहा है। यही नहीं वैज्ञानिकों का ये दावा भी है कि सब्सट्रेट में ‘जौ’ के पौधे उगाए जाने पर 15 दिनों में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी सकती है।

सामान्य मिट्टी से अलग है ‘ई-सॉइल’

सबसे पहले बात करें ‘सब्सट्रेट’ की तो जमीन में मौजूद मिट्टी से इसका कोई वास्‍ता नहीं है। ये एक तरह की हाइड्रोपोनिक खेती है, जिसमें पौधे बिना मिट्टी के उगाए जाते हैं। जिसमें जरूरत है पानी, मि‍नरल्‍स और एक सब्सट्रेट की, जिससे पौधे की जड़ें जुड़ी रह सकें। वैज्ञानिकों ने जिस ‘सब्सट्रेट’ को बनाया है, उससे पौधों की जड़ों को इलेक्‍ट्रॉनिकली उत्तेजित किया जाता है ताकि उनका तेजी से विकास हो सके।

क्या कहती है स्टडी?

वहीं स्वीडन की लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी ने इसकी स्‍टडी की है। स्‍टडी में शामिल एसोसिएट प्रोफेसर एलेनी स्टावरिनिडो का कहना है कि दुनियाभर में आबादी बढ़ रही है। क्‍लाइमेट चेंज की समस्‍या भी सामने आ रही है। हम मौजूदा एग्रीकल्‍चर के तरीकों से दुनिया की खाने की जरूरत को पूरा नहीं कर पाएंगे। हाइड्रोपोनिक तरीकों से शहरी वातावरण में भी भोजन को पैदा किया जा सकता है। इसी तरह की तकनीक इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में भी इस्‍तेमाल की जाती है। जहां वैज्ञानिक कई तरह की चीजें उगा चुके हैं।

 

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें

विज्ञापन
विज्ञापन