नई दिल्ली, अब प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने शाओमी इंडिया के उन सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है जिसमें उसके अधिकारियों से जोर-जबरदस्ती करने की बात कही गई थी. निदेशालय ने इस आरोप को सोची समझी साजिश बताया है. क्या है मामला? मालूम हो चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी इंडिया ने पिछले दिनों कर्नाटक के […]
नई दिल्ली, अब प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने शाओमी इंडिया के उन सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है जिसमें उसके अधिकारियों से जोर-जबरदस्ती करने की बात कही गई थी. निदेशालय ने इस आरोप को सोची समझी साजिश बताया है.
मालूम हो चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी इंडिया ने पिछले दिनों कर्नाटक के हाई कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ उसके अधिकरियों के साथ बद्सलूकी का आरोप लगाते हुए याचिका दर्ज़ की थी. याचिका में ईडी पर आरोप था कि उनके कुछ अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान शाओमी शीर्ष अधिकारियों को मारपीट की धमकी दी गई और जोर–जबरदस्ती की गई.
शाओमी की याचिका से जुड़े इन आरोपों का खंडन करते हुए ईडी ने अपना पक्ष रखा है और जवाब दिया है. अब प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि वह एक आधिकारिक एजेंसी है जिस कारण वह केवल कामकाज के उच्च मानदंडों का पालन कर करती है. उन्होंने आगे बताया कि बेंगलुरु में शाओमी इंडिया के अधिकारियों से पूछताछ के दौरान किसी भी प्रकार की मारपीट, धमकी, जोर-जबरदस्ती नहीं की गई. ईडी के शब्दों में, “शाओमी इंडिया का ये आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और झूठा है कि इसके अधिकारियों से पूछताछ के दौरान मारपीट की धमकी दी गई और जोर जबरदस्ती की गई.”
खबरों के मुताबिक, शाओमी कंपनी पहले ही चीन में अपने समूह की कंपनियों को पैसे का एक बड़ा हिस्सा भेज चुकी है. और बाकी बची हुई राशि एचएसबीसी, सिटी बैंक, आईडीबीआई और ड्यूश बैंक में पड़ी थी. और रॉल्टी राशि उसके चीनी मूल ग्रुप के निर्देश के आधार पर भेजी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक निश्चित राशि दो और असंबंधित यूएस-आधारित संस्थाओं को भी भेजी गई है.
गौरतलब है, कंपनी 2014 से भारत में काम कर रही है और समझौते के अनुसार यह कंपनी भारत में निर्माताओं से पूरी तरह से निर्मित हैंडसेट खरीदती है.
बता दें शाओमी इंडिया ने इन अनुबंध निर्माताओं को कोई तकनीकी इनपुट या सॉफ्टवेयर से संबंधित मदद नहीं की है. इसमें दिलचस्प बात तो ये है कि शाओमी इंडिया ने उन तीन विदेशी आधारित संस्थाओं को पैसे ट्रांसफर किए हैं, जिनसे उन्होंने किसी भी प्रकार की सेवा का लाभ नहीं उठाया है. ऐसे में, ईडी का कहना है कि कंपनी ने कथित तौर पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को बहुत गलत और भ्रामक जानकारी दी थी.
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