इस फर्जी ऐप को डाउनलोड करते ही हैकर्स व्यक्ति के फोन तक पहुंच जाते हैं। वे ओटीपी, बैंक के मैसेज, आधार नंबर, पैन कार्ड और जन्मतिथि जैसी प्राइवेट डिटेल्स को चुरा लेते हैं। इसके बाद वे इन जानकारियों का इस्तेमाल करके UPI के जरिए फोन को पेमेंट रजिस्ट्रेशन में जोड़ लेते हैं और बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
नई दिल्ली: देश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तमिलनाडु में एक नया मामला सामने आया है, जहां ठगी करने वाले PM किसान योजना के नाम पर एक फर्जी ऐप का सहारा लेकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। यह ऐप डाउनलोड करने पर हैकर्स स्मार्टफोन की सारी जरूरी जानकारी चुरा लेते हैं और बैंक अकॉउंट खाली कर देते हैं.
इस फर्जी ऐप को डाउनलोड करते ही हैकर्स व्यक्ति के फोन तक पहुंच जाते हैं। वे ओटीपी, बैंक के मैसेज, आधार नंबर, पैन कार्ड और जन्मतिथि जैसी प्राइवेट डिटेल्स को चुरा लेते हैं। इसके बाद वे इन जानकारियों का इस्तेमाल करके UPI के जरिए फोन को पेमेंट रजिस्ट्रेशन में जोड़ लेते हैं और बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
साइबर अपराधी सरकारी योजनाओं का नाम लेकर लोगों को भरोसे में लेते हैं। वे फर्जी वेबसाइटों और ऐप्स के माध्यम से लोगों से उनकी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारियां हासिल करते हैं। इसके बाद ये ठग UPI अकाउंट्स को हैक करके पीड़ित के खाते से धन निकाल लेते हैं। कई लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो चुके हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण तुरंत मदद नहीं मिल पाती।
1. अनजान ऐप्स से बचें: किसी भी अनजान लिंक या व्हाट्सएप मैसेज से ऐप डाउनलोड न करें।
2. सिर्फ आधिकारिक स्रोत का इस्तेमाल करें: सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी या ऐप्स केवल आधिकारिक वेबसाइट या प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।
3. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर ठग नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और अपनी बैंकिंग डिटेल्स और फोन की सुरक्षा पर खास ध्यान दें। सरकारी योजनाओं के नाम पर किसी भी संदिग्ध ऐप या वेबसाइट से बचें और जागरूक रहें।
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